इंदौर में कांग्रेस ने बीजेपी विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस का कहना है कि एकलव्य ने शहर के मशहूर सीतलामाता कपड़ा बाजार से मुस्लिम सेल्समैन को हटाने के लिए कारोबारियों पर दबाव बनाया है. इस पूरे मामले ने सांप्रदायिक सौहार्द पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
कांग्रेस ने शुक्रवार (26 सितंबर) को इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) सुदाम खाड़े से मुलाकात कर अपनी शिकायत दर्ज कराई. पार्टी का आरोप है कि बीजेपी विधायक के बेटे ने बाजार के व्यापारियों से कहा कि वे मुस्लिम समुदाय के सेल्समैन को अपनी दुकानों से निकाल दें.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, ‘‘हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, आपस में सब भाई-भाई, यह नारा इंदौर की परंपरा है. इंदौर की संस्कृति भाईचारे, प्रेम और अपनत्व की है. इस संस्कृति को दूषित करते हुए बीजेपी विधायक का बेटा एकलव्य सिंह गौड़ स्थानीय कारोबारियों को ऐसा असंवैधानिक फरमान सुना रहा है जो कानूनन अपराध है.’’
पटवारी ने यह भी कहा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा, जबकि एकलव्य गौड़ के खिलाफ तत्काल FIR दर्ज होनी चाहिए.
जबरन हटाए जा रहे मुस्लिम कर्मचारी?
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि एकलव्य ने ‘लव जिहाद’ का हवाला देते हुए दुकानदारों को चेतावनी दी कि वे मुस्लिम सेल्समैन को दुकान पर न रखें. कांग्रेस का कहना है कि इस फरमान के बाद कई अल्पसंख्यक कर्मचारियों को जबरन बाजार से हटाया गया है.
पार्टी का आरोप है कि इस तरह का रवैया न केवल असंवैधानिक है, बल्कि शहर के सांप्रदायिक सौहार्द को भी बिगाड़ने वाला है.
बीजेपी ने आरोपों को खारिज
दूसरी ओर बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया है. प्रदेश बीजेपी इकाई के मीडिया विभाग के सह प्रभारी दीपक जैन ‘टीनू’ ने कहा कि एकलव्य सिंह गौड़ ने केवल असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
जैन का कहना है कि 'यह भी सच है कि लव जिहाद की आड़ में साजिश रचने वाले कुंठित लोगों को बाजार से बाहर करना अब जरूरी हो गया है.' साथ ही उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सत्ता से बाहर होने के बाद “उकसावे की राजनीति” कर रही है.
इंदौर, जो अपनी सांस्कृतिक विविधता और भाईचारे के लिए जाना जाता है, अब इस राजनीतिक और साम्प्रदायिक विवाद के केंद्र में है. एक तरफ कांग्रेस इस मामले को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश बता रही है, वहीं बीजेपी इसे कांग्रेस की सियासी चाल करार दे रही है.