MP News: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एंटी टेरर स्क्वॉड (ATS) के साथ मिलकर मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) में छापेमारी की कार्रवाई की थी. इस छापेमारी में जांच एजेंसी को इस्लामिक स्टेट (ISIS) के मॉड्यूल का पता चला है. एनआईए के मुताबिक इस्लामिक स्टेट देशभऱ में आतंक फैलाने के लिए मध्य प्रदेश में आतंकियों को तैयार कर रहा था. बता दें कि एनआईए और एटीएस ने एक वकील के घर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी और कई लोगों को गिरफ्तार किया था. 


इस्लामिक स्टेट का मॉड्यूल यहां खास रणनीति के तहत काम कर रहा था. एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि इस्लामिक स्टेट का मॉड्यूल तीन स्तर पर अपना अभियान चला रहा था जिसमें पहले आंतकियों को तैयार करना, फिर युवाओं के ब्रेनवॉश के लिए वीडियो और अन्य मेसेज तैयार करना और तीसरा सबसे अहम कि अगर कोई आतंकी पुलिस की पकड़ में आ जाता है तो कैसे कोर्ट में उसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ना. इन तीनों ही काम की जिम्मेदारी अलग-अलग लोगों को दी गई थी. मोहम्मद आदिल और शाहिद कोर्ट में कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहे थे, जबकि सोशल मीडिया की जम्मेदारी सैयद ममूर अली को दी गई थी. इन तीनों को ही शनिवार को गिरफ्तार किया गया है. उनसे पूछताछ के बाद ही इन तथ्यों का खुलासा हुआ है. 


युवाओं को ऐसे फिसबिलिल्लाह ग्रुप से जोड़ा जाता था
इस जांच में जो अहम जानकारी सामने आई है वह यह अरबी शब्द 'फिसबिल्लिल्लाह' और 'दावाह' के जरिए युवाओं को आतंकी संगठन से जोड़ रहे थे. फिसबिलिल्लाह ग्रुप से जुड़े सदस्य युवाओं को आतंक के लिए प्रेरित कर रहे थे. जबकि दावाह के जरिए  मोहम्मद आदिल धार्मिक उपदेश के बहाने मस्जिदों में बैठक करता था और कमजोर तबके के युवाओं को फिसबिलिल्लाह ग्रुप से जोड़ता था. ये तीनों आतंकी इतने शातिर थे कि उन्होंने एक तस्कर से भी लिंक बना रखा था ताकि उससे हथियार खरीदा जा सके. इन दोनों ने जबलपुर के हथियार तस्कर से गोला-बारूद, पिस्तौल, आईई़डी और हैंड ग्रेनेड खरीदने के लिए सौदा किया था. 


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