MP News: गर्मी में आम को छोड़कर शेष सभी फलों के दाम अचानक बढ़ जाते हैं. कुछ फलों की कीमत में दो से तीन गुना वृद्धि हो जाती है. कीमत बढ़ने का सबसे कारण फल व्यापार में पूंजीपतियों की दस्तक माना जा रहा है. दूसरा कारण गर्मी में फलों की डिमांड भी ठंड के मुकाबले 10 गुना तक बढ़ जाती है. मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में फलों की अलग-अलग कीमत है. हालांकि ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ने के कारण भी दाम अलग-अलग जिलों में भिन्न-भिन्न हो जाते हैं.


गर्मी में फलों के दाम आसमान पर पहुंच जाते हैं. थोक व्यापारी संजय कुशवाहा का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से पूंजीपतियों ने फलों के व्यापार में दस्तक दे दी है. पूंजीपति किसानों से खेतों पर फल का सौदा कर लेते हैं. किसानों से खरीदारी के बाद पूंजीपित अपने हिसाब से फलों का रेट तय कर बेचते हैं.


गर्मी के दिनों में फलों की मांग बढ़ जाती है. इसलिए दाम भी अधिक वसूले जाते हैं. एक अन्य व्यापारी गिरीश पंजवानी ने बताया कि कई दशक से गर्मी के मौसम में फलों की कीमत बढ़ती रही है. गर्मी के मौसम में फलों की बिक्री भी बढ़ जाती है.


गर्मी में फलों की कीमत क्यों बढ़ जाती है?


भीषण गर्मी के बीच फलों की कीमत में भारी उछाल आया है. 80 रुपये प्रति किलो बिकने वाले सेब की कीमत गर्मी में बढ़कर अब 250 रुपये हो गई है. अंगूर 125 रुपये प्रति किलो, संतरा 150, बादाम आम 80 रुपये किलो, चीकू 100 रुपये किलो, नारियल पानी 70 रुपये प्रति नग, केला 30 रुपये प्रति किलो, तरबूज 20 रुपये किलो, खरबूजा 40 रुपये किलो, अनार 200 रुपये किलो, हाफूस आम डेढ़ सौ रुपये किलो और केसर आम डेढ़ सौ रुपये किलो बाजार में बिक रहा है.


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