मध्य प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र 17 दिसंबर यानी आजआयोजित किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध मध्य प्रदेश पर व्यापक चर्चा करना है. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह सत्र राज्य के विकास की दिशा में बेहद उपयोगी साबित होगा.
यह विशेष सत्र विधानसभा के पहले सत्र के 69 वर्ष पूरे होने के अवसर पर बुलाया गया है. मध्य प्रदेश का गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ था और उसी वर्ष 17 दिसंबर को विधानसभा का पहला सत्र आयोजित किया गया था. स्पीकर तोमर ने विशेष सत्र की तैयारियों की समीक्षा बैठक के बाद कहा कि 17 दिसंबर विधानसभा के इतिहास में एक अहम तारीख है और इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए यह विशेष अधिवेशन रखा गया है. सत्र में सभी विधायक इस बात पर विमर्श करेंगे कि विकसित मध्य प्रदेश के लक्ष्य को कैसे हासिल किया जाए.
कांग्रेस के सभी विधायकों की बैठक
विशेष सत्र से पहले राजनीतिक गतिविधियां भी तेज हो गई हैं. उमंग सिंघार ने कांग्रेस के सभी विधायकों की बैठक बुलाई है. यह बैठक नेता प्रतिपक्ष के बंगले पर होगी, जहां कांग्रेस विधायक प्रदेश से जुड़े अहम मुद्दों और विशेष सत्र के दौरान सदन में अपनाई जाने वाली रणनीति पर चर्चा करेंगे.
उधर, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने मुख्य सचिव अरविंद शर्मा के साथ मिलकर विशेष सत्र की तैयारियों का जायजा लिया है और व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए हैं.
कांग्रेस भी विशेष सत्र को लेकर अपनी रणनीति तैयार कर रही है. पार्टी प्रदेश की आर्थिक स्थिति, किसान, युवा, महिलाएं, आदिवासी, दलित, पिछड़े और कमजोर वर्गों से जुड़े मुद्दों के साथ-साथ विकास की वास्तविक चुनौतियों को सदन में उठाने की तैयारी में है. बताया जा रहा है कि विशेष सत्र के लिए कांग्रेस ने एक स्पेशल एजेंडा भी तैयार किया है, ताकि उसी के अनुरूप विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध मध्य प्रदेश के विषय पर विस्तृत और संगठित चर्चा की जा सके.