राष्ट्रीय राजमार्ग का जिक्र आते ही मस्त साफ-सुथरी, चौड़ी और चकाचक सड़क पर भागती गाड़ियों की तस्वीरें हमारे दिमाग में दौड़ने लगती हैं. ऐसी सड़कें बनाने में बहुत सारा समय और करोड़ों रुपए खर्च होते हैं. लेकिन जब ऐसी किसी सड़क की भयावह तस्वीरें आपके सामने आ जाएं तो आप क्या कहेंगे?

मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से गुजरने वाली नेशनल हाइवे यानी NH 39 कुछ ऐसी ही है. बदहाल इतनी कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क, आप अंदाजा भी नहीं लगा पाएंगे.सड़क को देखकर ऐसा लगता है कि मानो गांव की कोई पगडंडी हो. उत्तर प्रदेश के झांसी से चलकर रांची को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग यानी NH39,सीधी- सिंगरौली पहुंचते ही गड्डो में गायब हो जाती है, करीब 50 किलोमीटर की लंबाई में यह राजमार्ग का हाल खस्ताहाल है.

अचानक गायब हो जाती है राजमार्ग

इस राजमार्ग में पग पग पर खतरा है, यह चार लेन वाली सड़क कहीं पर अचानक गायब हो जाती है तो कहीं पगडंडियों में ही समाहित हो जाती है. इस राजमार्ग में सबसे बड़ा खासियत यह है कि यह अचानक गायब हो जाती है, जिस वजह से इस राजमार्ग में यात्रा करना किसी खतरे से कम नही होता है.

पगडंडी के सहारे नाले को पार कर आगे बढ़ रहे थे

एबीपी न्यूज़ की टीम ने इस खस्ताहाल राजमार्ग का हाल जाना, सिंगरौली जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूरी का सफर तय करने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग 39 मिला जो रांची को जोड़ता है, करीब एक किलोमीटर दूर तक इस सड़क पर एबीपी न्यूज़ की टीम कार से 100 की रप्तार से चले, लेकिन 1 किलोमीटर दूर का सफर करने के बाद अचानक ऐसा टर्निंग प्वाइंट मिला, जहां गाड़ी की रप्तार बिल्कुल 100 से 10 की स्पीड में हो गई और इस रप्तार में भी ब्रेक लग गया, क्योंकि आगे रास्ता गायब है. कार आगे इस सड़क पर जा नहीं सकती थी, क्योंकि आगे रास्ता ही नही था, एक पगडंडी और उसमें भी जोखिम का सफर, नाले में तेज बहाव से बहता हुआ पानी, कुछ लोग पगडंडी के सहारे नाले को पार कर आगे बढ़ रहे थे.

गांव की स्थानीय महिला पार्वती बताती है कि यह सड़क 20 सालों से बन रही है, जो अब तक नही बन पाई, नाले पार कर बच्चे स्कूल जाते है, बरसात का समय है कीचड़ और नाले में पानी ज्यादा होने की वजह से बच्चे स्कूल नही जा पाते है.

सड़क बनाने का टेंडर हुआ, काम भी हुआ, लेकिन आधा अधूरा

राष्ट्रीय राजमार्ग 39 या NH 39 एक प्रमुख राजमार्ग है जो तीन भारतीय राज्यों से होकर गुजरता है और रास्ते में कई स्थानों को जोड़ता है। यह राजमार्ग तीन राज्यों, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और झारखंड को कवर करते हुए 869 किलोमीटर की दूरी तय करता है. यह राजमार्ग सीधी सिंगरौली जिले में सबसे ज्यादा खस्ताहाल है, करीब 50 किलोमीटर की सड़क पिछले 20 वर्षों से बदहाल है, कई बार सड़क बनाने का टेंडर हुआ, काम भी हुआ, लेकिन आधा अधूरा छोड़कर ठेकेदार बीच में ही काम बंद कर दिया.

नतीजा यह रहा कि यह सड़क 20 वर्षो में भी अधर में लटकी हुई है,, कई बार इस राजमार्ग का मुद्दा संसद के सदन में भी गरमाया लेकिन नतीजा सिफर रहा. इसी सड़क को लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने तो यह तक कह दिया कि इस सड़क पर तो किताब लिखी जा सकती है.

फिलहाल सिंगरौली में इस राजमार्ग में पग पग पर खतरे से परेशान होकर स्थानीय लोग केंद्र व राज्य सरकार से मांग कर रहें है कि इस सड़क का निर्माण कार्य हो ताकि सड़क पर चलने में सुगमता हो,, राह आसानी हो सके.