MAHAKAL: प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के विस्तारीकरण के दूसरे चरण का काम भी पूरा हो गया है. 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शाम 7:00 बजे दूसरे चरण के कार्यों का लोकार्पण करेंगे. इसके बाद मंदिर में अन्न क्षेत्र के साथ-साथ कई और सुविधाएं श्रद्धालुओं को मुहैया कराई जाएगी. 


महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और उज्जैन के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण योजना के तहत प्रथम चरण का काम पूर्ण होने के बाद दूसरे चरण का कार्य शुरू किया गया था. अब दूसरे चरण का कार्य भी पूरा हो गया है. महाकालेश्वर मंदिर के दूसरे चरण के कार्यों का लोकार्पण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 5 अक्टूबर को करेंगे. कलेक्टर ने लोगों को लोकार्पण कार्यक्रम में हिस्सा लेकर साक्षी बनने की अपील की है. विस्तारीकरण योजना के तहत अभी भी कार्य होते रहेंगे मगर दूसरे चरण के लोकार्पण के बाद श्रद्धालुओं को कई महत्वपूर्ण सुविधा मिलेगी. 


पांच चरणों में बांटा गया है विस्तारीकरण का दूसरा भाग


उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि विस्तार करने का दूसरा चरण 5 भागों में बांटा जा सकता है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले नीलकंठ पथ की बात करें तो यहां पर सुसज्जित, आकर्षक पथ तो बनाया ही गया है, इसके अलावा जनता के लिए कई और सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है. यहां पर लैंडस्कैपिंग भी देखने को मिलेगी. 


50000 श्रद्धालुओं के लिए भोजन शाला


कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम का मुताबिक दूसरे चरण के निर्माण कार्य में 50000 श्रद्धालुओं के लिए भोजन शाला बनाई गई है. इसे अन्न क्षेत्र का नाम दिया गया है. इस भोजनशाला को आगे चलकर एक श्रद्धालुओं के लिए विस्तृत भी किया जाएगा. इसके लिए भी मंदिर समिति ने योजना तैयार कर रखी है. महाकालेश्वर मंदिर आने वाले श्रद्धालु यहां पर आराम से भोजन प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे.


अनुभूति वन भी करेगा भक्तों को आकर्षित


महाकालेश्वर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के बैठने के लिए अनुभूति वन और तपोवन की भी कल्पना को साकार किया गया है. महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि यहां पर हजारों की संख्या में भक्ति कुछ समय के लिए विश्राम भी कर सकेंगे. 


24 घंटे होंगे मंदिर के शिखर दर्शन


भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु देशभर से उज्जैन आते हैं. मंदिर समिति ने दूसरे चरण के विस्तारीकरण के दौरान इस बात का भी ध्यान रखा है कि श्रद्धालुओं को कम से कम शिखर दर्शन 24 घंटे होते रहे. कलेक्टर के मुताबिक मंदिर के बाहर शिखर दर्शन की बेहतर व्यवस्था रहेगी.


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