Ujjain News: सावन (Sawan 2022) में सोमवार को भगवान महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं. यह परंपरा उज्जैन (Ujjain) में सालों से चली आ रही है. भगवान महाकाल पालकी में सवार होकर प्रजा का हाल-चाल जानने के लिए निकलते हैं. कोरोना महामारी (Covid-19) के बाद इस बार महाकाल की सवारी पारंपरिक मार्ग से गुजारी जा रही है. महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर आशीष सिंह (Collector Ashish Singh) ने बताया कि भगवान महाकाल की सवारी अपने निर्धारित समय 4:00 बजे मंदिर से शुरू होगी, जो कि शहर के विभिन्न मार्गो से होती हुई रामघाट पहुंचेगी. 


महाकाल की सवारी के लिए क्या हैं इंतजाम


रामघाट पर शिप्रा नदी के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद पुनः पालकी मंदिर के लिए रवाना होगी. कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक भगवान महाकालेश्वर की सवारी को लेकर बिजली, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, स्वास्थ्य, जिला प्रशासन और पुलिस महकमे द्वारा व्यापक इंतजाम किए गए हैं. आज सावन में महाकाल की पहली सवारी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखाई दे रही है. 


भगवान की एक झलक पाने के लिए आए शिव भक्त


भगवान महाकाल की सवारी जिस मार्ग से गुजरती है वहां भक्त महाकाल के स्वागत के लिए पहले से मौजूद रहते हैं. भगवान महाकाल की एक झलक पाने के लिए देशभर के श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे हैं. जब भगवान महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं, उस समय भी मंदिर में दर्शन व्यवस्था जारी रहती है. भगवान महाकाल की सवारी में भीड़ प्रबंधन और यातायात व्यवस्था को देखते हुए एक हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.


अलग-अलग रूपों में देते हैं भगवान महाकाल दर्शन


जब भगवान महाकाल प्रजा का हाल-चाल जानने के लिए निकलते हैं तो वह अलग-अलग रूपों में प्रजा को दर्शन देते हैं. महाकाल कभी मन महेश के रूप में प्रजा का मन मोह लेते हैं, तो कभी उमा महेश तो कभी चंद्रमौलेश्वर के रूप में प्रजा का हालचाल जानने के लिए निकलते हैं. 


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