नवरात्रि के पहले दिन से बिजली की दरों में कमी करने की घोषणा को लेकर अब प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. मध्यप्रदेश सरकार की इस घोषणा पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बिजली की दरों और स्मार्ट मीटर को लेकर बड़ा बयान दिया है.
उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार बिजली की दरों में कमी करने की बात कर रही है, लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में आज भी 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही है. सिंघार ने आरोप लगाया कि सरकार एक तरफ राहत देने का दावा कर रही है और दूसरी तरफ स्मार्ट मीटर लगाने पर जोर दे रही है.
'देश की सुरक्षा से भी है खिलवाड़'
उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन स्मार्ट मीटरों का कंट्रोल दुबई में बैठे उन कंपनियों के पास है, जिनमें पाकिस्तानी अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं. ऐसे में यह सिर्फ उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा से भी खिलवाड़ है.
सिंघार ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने के दौरान उपभोक्ताओं से के.वाई.सी. के नाम पर उनकी सारी निजी जानकारी ली जा रही है. सवाल यह है कि अगर यह डिटेल्स बाहर के देशों तक पहुंचती हैं तो इसका इस्तेमाल किस तरह होगा? क्या सरकार इस खतरे को नजरअंदाज कर रही है?
मेट्रो शहरों में 24 घंटे दी जा रही है सप्लाई
उन्होंने सरकार पर दोहरी नीति का आरोप लगाते हुए कहा कि गांवों में जहां लोग बिजली के लिए परेशान हैं, वहीं मेट्रो शहरों में 24 घंटे सप्लाई दी जा रही है. क्या यही बीजेपी सरकार की ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति है? उमंग सिंघार ने स्पष्ट कहा कि उन्हें नहीं लगता कि सरकार वास्तव में बिजली दरों में कमी करेगी. यह सिर्फ जनता को भ्रमित करने का नया तरीका है. अब देखना होगा कि विपक्ष के इन गंभीर आरोपों पर सरकार क्या जवाब देती है.