MP Panchayat Election: मध्यप्रदेश के पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण का मुद्दा अभी तक उलझा हुआ है. इस बीच शिवराज सरकार ने ओबीसी वोटरों की गिनती कराने का फैसला किया है. राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का हवाला देते हुए प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों को ओबीसी वोटरों की गिनती, सर्वे करने का आदेश जारी किया है. सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों से 7 जनवरी तक ओबीसी वोटरों की गणना रिपोर्ट मांगी है.
10 दिन के अंदर शासन को जानकारी देने में जुटे अधिकारी
सरकार के आदेश के बाद 22 हजार पंचायत सचिव, 12 हजार पटवारी और 20 हजार रोजगार सहायक 10 दिन के अंदर शासन को जानकारी देंगे. इस पूरे मामले में पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष जेपी धनोपिया ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की गिनती कराने का काम पंचायत चुनाव में आरक्षण खत्म होने के कारण है और OBC मतदाताओं को गुमराह करने के लिये किया जा रहा है.
OBC वोटरों की गिनती कराना न्यायसंगत नहीं- धनोपिया
धनोपिया ने शासन की ओर से गठित पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग को गैर संवैधानिक संस्था बताया. उन्होंने कहा कि उसके नाम पर पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की गिनती कराना न्यायसंगत नहीं है क्योंकि गिनती मतदाता सूची के आधार पर कराई जाती है. जबकि मतदाता सूची में जाति या वर्ग का कोई उल्लेख नहीं है. यह काम सिर्फ नाम के लिये कराया जा है जो उचित नहीं है. उन्होंने मांग की कि सरकार को यह काम संवैधानिक संस्था मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से कराना चाहिए.
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