MP News: सावन महीने में भगवान शिव के साथ-साथ उनके प्रिय गण माने जाने वाले नाग देवता की भी पूजा-अर्चना की जाती है. आज नाग पंचमी है. देश भर के नाग मंदिरों में भगवान नाग देवता की आराधना की जा रही है. इन्हीं मंदिरों में कुछ ऐसे दुर्लभ मंदिर भी हैं जो विश्व प्रसिद्ध हैं. उज्जैन के नागचंद्रेश्वर महादेव इन ही दुर्लभ मंदिरों में शामिल है. यहां पर वर्ष भर में एक बार 24 घंटे के लिए मंदिर के पट खोले जाते हैं. 


साल में केवल नागपंचमी पर खुलता है मंदिर
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दूसरे तल पर भगवान नागचंद्रेश्वर महादेव विराजित है. यह मंदिर साल भर में एक बार नाग पंचमी के अवसर पर खोला जाता है. रात 12 बजे महानिर्वाणी अखाड़े के गादीपति विनीत गिरि महाराज ने अन्य साधु संतों के साथ विधि विधान से पूजा अर्चना कर मंदिर के पट खोले. इसके बाद आम श्रद्धालुओं को दर्शन चल रहे हैं. नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर की विशेष मान्यता है यहां पर दुर्लभ प्रतिमा विराजित है जिसके दर्शन करने के लिए नाग पंचमी के अवसर पर देशभर के श्रद्धालु उज्जैन आते हैं. महंत विनीत गिरी महाराज के मुताबिक नागचंद्रेश्वर महादेव का आशीर्वाद लेने से कालसर्प दोष का निवारण होता है. इसके अलावा मन वांछित फल भी प्राप्त होता है.


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लाखों भक्त करेगें दर्शन
उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक नाग पंचमी के अवसर पर नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर में लाखों की संख्या में भक्तों के आने की संभावना है. महाकालेश्वर मंदिर समिति और जिला प्रशासन ने इस बार श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दूसरी मंजिल पर जाने के लिए ब्रिज बनवाया है. इससे अधिक से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं.


दो साल बाद मिली दर्शन की अनुमति
कई दशक के बाद पहली बार ऐसा मौका आया था जब कोरोना काल में मंदिर के पट तो 24 घंटे के लिए खोले गए मगर एक भी श्रद्धालु दर्शन करने नहीं पहुंच पाए. जिला प्रशासन ने दर्शन को लेकर रोक लगा दी थी. कोरोना काल के बाद जब श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका मिला तो उनमें अपार उत्साह देखने को मिला. श्रद्धालु विनीता शर्मा ने बताया कि भगवान नागचंद्रेश्वर के अद्भुत दर्शन करने को मिल गए हैं. इस बार मंदिर समिति की ओर से व्यापक इंतजाम भी किए गए हैं.


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