MP News: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में नामीबिया से चीते लाए जा रहे हैं. इन चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर श्योपुर के जंगल में छोड़ा जाएगा. आने वाले चीतों के भोजन में असुविधा न हो इसके लिए राजगढ़ के जंगल से 181 चीतल श्योपुर भेजे गए हैं. प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क 17 सितंबर को नामीबिया से चीते छोड़े जाएंगे. बेहतर वातावरण देने के साथ ही उनकी देखरेख और भूख का खास ख्याल रखने की तैयारी चल रही है.


लुप्त होती प्रजाति को तेजी बढ़ावा मिल सके. इसके लिए राजगढ़ जिले का चिड़ीखो अभ्यारण वरदान बन कर आया है. इस अभयारण्य में चीतल और हिरण की संख्या बहुत है. यही कारण है कि अफ्रीका से आने वाले चीतों की भूख मिटाने के लिए राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ चिड़ीखो वन अभ्यारण से 181 चीतल भेजे गए है. यहां से 200 चीतल की डिमांड की गई थी.

नरसिंहगढ़ वन परिक्षेत्र के अधिकारी ने क्या कहा?
नरसिंहगढ़ वन परिक्षेत्र के अधिकारी गौरव गुप्ता ने बताया कि राजगढ़ वन मंडल में स्थित नरसिंहगढ़ चिडिखो अभ्यारण से हमारे द्वारा 181 चीतल कूनो नेशनल पार्क में भेजे गए हैं. इसके अलावा 245 चीतल हमारे द्वारा गांधी सागर अभ्यारण में वर्ष 2021 में भेजे गए थे. 9 चीतल देवास के सिवनी में भेजे गए हैं. इस तरह से अभी जो चीता का लोकेशन प्रोजेक्ट चल रहा है उसमें राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ चिड़ीखो अभ्यारण का भी महत्वपूर्ण योगदान है.


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राजगढ़ से भेजे गए 500 चीतल
कूनो नेशनल पार्क के बाद चीतों का अगला पड़ाव गांधी सागर अभ्यारण रहेगा. गांधी सागर अभ्यारण्य के लिए राजगढ़ से 500 चीतल भेजे गए हैं. राजगढ़ जिले के वन्य क्षेत्र में कुछ दिन पहले हिरन चीतल की धमा चौकड़ी देखने को मिलती थी. अचानक इतनी बड़ी संख्या में चीतल बाहर भेजे जाने से अब पर्यटकों को चीतल की धमाचौकड़ी देखने को नहीं मिल रही है.


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