मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने मंगलवार (23 सितंबर) को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत निजी संचालकों के सहयोग से राज्य के भीतर हेलीकॉप्टर सेवा संचालन को मंजूरी दी है. इसका उद्देश्य प्रमुख शहरों, धार्मिक स्थलों, नेशनल पार्क और पर्यटक स्थलों के लिए किफायती हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराना है.

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मंत्रिमंडल की बैठक के बाद नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया को बताया कि संपूर्ण प्रदेश के हवाई अड्डों, हेलीपैड एवं हवाई पट्टियों के बीच निजी ऑपरेटर चयनित स्थानों पर हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करेंगे.

हेलीकॉप्टर सर्विस के लिए शहरों को 3 सेक्टरों में बांटा

मंत्री ने कहा, ''हेलीकॉप्टर सेवाओं के संचालन के लिए प्रदेश के प्रमुख शहरों को तीन सेक्टरों में विभाजित किया गया है जिसके तहत सेक्टर-एक में इंदौर, उज्जैन, ओंकारेश्वर, मांडू, महेश्वर, गांधीसागर, मंदसौर, नीमच, हनुवंतिया, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर, रतलाम, झाबुआ, नलखेड़ा, भोपाल और जबलपुर को रखा गया है.''

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किन-किन शहरों में हेलीकॉप्टर सेवा?

उन्होंने आगे कहा, ''इसी तरह, सेक्टर-दो में भोपाल, मढ़ई, पचमढ़ी, तामिया, छिंदवाड़ा, सांची, इंदौर, दतिया, दमोह, ग्वालियर, शिवपुरी, कूनो (श्योपुर), ओरछा, गुना, राजगढ़, सागर, होशंगाबाद, बैतूल, टीकमगढ़ और जबलपुर को रखा गया है और सेक्टर- तीन में जबलपुर, बांधवगढ़, कान्हा, चित्रकूट, सरसी, परसिली, मैहर, सतना, पन्ना, खजुराहो, कटनी, रीवा, सिंगरौली, अमरकंटक, सिवनी, सीधी, मंडला, पेंच, डिंडोरी, भोपाल और इंदौर हैं.

व्यापार और पर्यटन गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा- विजयवर्गीय

विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘इस सेवा का उद्देश्य राज्य के प्रमुख शहरों, धार्मिक स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों और पर्यटक स्थलों के मध्य किफायती एवं स्थायी हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करना है. इससे यात्रियों, पर्यटकों, व्यवसायियों, निवेशकों और आम नागरिकों का आवागमन सुगम होगा. इस पहल से राज्य में व्यापार और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसरों का सृजन भी होगा.

सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट के लिए रिवाइज्ड कॉस्ट का अप्रूवल

मंत्रिमंडल में इसके अलावा सारणी स्थित सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट की 11,678.74 करोड़ रुपये और चचाई के अमरकंटक थर्मल पावर प्लांट की 11,476.31 करोड़ रुपये रिवाइज्ड कॉस्ट का अप्रूवल किया गया. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों परियोजनाओं का वित्तपोषण 20:80 अंशपूंजी और ऋण के अनुपात में किया जाएगा. राज्य सरकार सतपुड़ा परियोजना के लिए 684.53 करोड़ रुपये तथा अमरकंटक परियोजना के लिए 699.90 करोड़ रुपये की अंशपूंजी प्रदान करेगी. शेष राशि की व्यवस्था बिजली उत्पादन कंपनी अपने स्रोतों से करेगी.

सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की होगी भर्ती

मंत्रिपरिषद ने 13 ऑटोनोमस मेडिकल कॉलेजों में नेशनल मेडिकल कमीशन के मानकों के अनुसार सीनियर रेजिडेंट के 354 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी. भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सतना, विदिशा, रतलाम, खंडवा, शहडोल, शिवपुरी, दतिया और छिंदवाड़ा के ऑटोनोमस मेडिकल कॉलेजों में ये पद सृजित किए गए हैं.

विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘इस निर्णय से मेडिकल कॉलेजों का संचालन राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुनिश्चित हो सकेगा. साथ ही, स्नातकोत्तर छात्र अपने ही संस्थान में सीनियर रेजिडेंटशिप कर सकेंगे, जिससे गैर-क्लीनिकल और पैरा-क्लीनिकल विषयों में योग्य मेडिकल शिक्षक भी मिल सकेंगे.”