MP News: नव वर्ष पर वैष्णो देवी मंदिर में हुए हादसे में सीतामऊ इलाके का एक व्यक्ति भी जख्मी हो गया था. जब वह कलेक्टर गौतम सिंह के पास 50 हजार का मुआवजा लेने के लिए पहुंचा तो कलेक्टर ने उसे पुलिस बुलवाकर गिरफ्तार करवा दिया. इस गिरफ्तारी के पीछे बड़ा ही रोचक तथ्य है.
यह है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि 1 जनवरी को वैष्णो देवी मंदिर में जनसैलाब के अनियंत्रित होने की वजह से बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें कई श्रद्धालुओं की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल भी हो गए. सरकार ने हादसे में घायल लोगों को 50-50 हजार मुआवजे का ऐलान किया था. इस हादसे में मंदसौर जिले के सीतामऊ इलाके में रहने वाला भवरलाल पाटीदार भी जख्मी हो गया. भवरलाल पाटीदार को जब जानकारी लगी की सरकार ₹50,000 का मुआवजा दे रही है तो वह मंदसौर कलेक्ट्रेट पहुंच गया. मंदसौर कलेक्टर गौतम सिंह ने भवरलाल पाटीदार को पुलिस बुलवाकर गिरफ्तार करवा दिया. दरअसल भवरलाल पाटीदार पर मंदसौर की अदालत का स्थायी वारंट था. वह लगातार न्यायालय से फरार चल रहा था. इसी के चलते अक्टूबर 2021 को उसे स्थायी वारंटी घोषित किया गया, तब से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. मंदसौर एसपी सुनील कुमार पांडे ने बताया कि आरोपी भंवरलाल पाटीदार की तलाश में पुलिस ने कई बार छापामार कार्रवाई भी की. आरोपी के पुत्र व अन्य परिवार जनों से भी जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई, मगर उसका कोई पता नहीं चल पाया. जब भवर लाल के कलेक्ट्रेट पहुंचने की जानकारी मिली तो पुलिस टीम लगाकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने बताया कि आरोपी को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया है.
एनडीपीएस के मामले में था फरार
सीतामऊ थाना प्रभारी दिनेश प्रजापत ने बताया कि साल 2012 में पंजाब के एक ट्रक से 15 किलो डोडा चूरा और 10 किलो अफीम पकड़ाई थी. इस मामले में पंजाब के दो आरोपी पकड़े गए थे जबकि 3 लोग मंदसौर जिले के थे, इनमें एक आरोपी भवरलाल पाटीदार भी था. भवरलाल पाटीदार के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट का केस चल रहा है, वह जमानत पर बाहर आया था. इसके बाद वह फरार हो गया. वह निर्धारित तारीख पर न्यायालय में पेश नहीं हो रहा था, जिसके चलते उस पर स्थायी वारंट था.
कलेक्ट्रेट में कौन पहचानेगा ?
आरोपी भवरलाल पाटीदार को इस बात का जरा भी इल्म नहीं था कि उसे कलेक्ट्रेट में भी बड़े अधिकारी पहचान लेंगे. दरअसल मध्य प्रदेश में माफिया के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान का सबसे सुखद पहलू यह है कि दिन-रात आईपीएस और आईएएस अधिकारी एक दूसरे के टच में रहते हैं. जिला प्रशासन और पुलिस विभाग एक साथ मिलकर माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. इसी अभियान के चलते अपराधियों के बारे में जितनी जानकारी जिले के एसपी के पास रहती है, उतनी ही जानकारी कलेक्टर के पास भी होती है यही वजह है कि भवरलाल चूक कर गया और कलेक्टर ने उसे गिरफ्तार करवा दिया.
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