Madhya Pradesh Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव के समर में हम ‘किस्सा ए सियासत’ में लाए हैं देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी यादों का किस्सा. दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एक बार ढाई महीने तक सीहोर जिला मुख्यालय पर रुकना पड़ गया था. अटल बिहारी वापजेयी उप चुनाव में स्टार प्रचारक की भूमिका में सीहोर आए थे, वे मिनी ट्रक में सवार होकर अमलाह जनसभा को संबोधित करने जा रहे थे, उनका मिनी ट्रक हादसाग्रस्त हो गया और अटल बिहारी भी चोटिल हुए, उनका पैर फ्रेक्चर हो गया था.


सीहोर के वरिष्ठ BJP नेता बताते हैं कि वर्ष 1958 में सीहोर में हुए चुनाव में स्टार प्रचारक की भूमिका में आए थे. वर्ष 1958-59 में सीहोर में उपचुनाव में भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में एडवोकेट दीवानचंद महाजन और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अमरचंद रोहिला मैदान में थे. इस चुनाव में स्टार प्रचारक के लिए अटल बिहारी वाजपेयी सीहोर आए थे.


मिनी ट्रक से जा रहे थे अमलाहा
चुनाव प्रचार के लिए अटल बिहारी वाजपेयी को अमलाहा जाना था. उन्हें मिनी ट्रक के जरिए अमलाहा ले जाया जा रहा था, तभी मार्ग में अमलाहा के समीप उनके वाहन के सामने मवेशी आ गया और वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. अटल बिहारी वाजपेयी आगे बैठे थे इस दौरान उनके पैर में फ्रेक्चर हो गया था, जिस पर उन्हें सीहोर लाया गया था. 


गोदाम में बिताया था समय
पैर में फ्रेक्चर आ जाने से अटल बिहारी वाजपेयी लगभग ढाई महीने तक सीहोर में ही रहे थे. सेठ नारायण दास कम्पाउंड में सेठ गोवर्धन दास अग्रवाल के गोदाम को खाली करवाया गया था, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी के ठहरने की व्यवस्था की गई थी. वे इसी गोदाम में कार्यकर्ताओं से मुलाकात किया करते थे. 


10 हजार वोटों से जीते थे चुनाव
अटल बिहारी वाजपेयी की सीहोर में जनसभा होने का असर यह हुआ कि जनसंघ के प्रत्याशी ने कांग्रेस के अमरचंद रोहिला को चुनाव हरा दिया था. जनसंघ के दीवानचंद महाजन ने यह चुनाव 10 हजार वोटों से जीत लिया था. हालांकि उस समय का स्मरण करते हुए वयोवृद्ध नेता बताते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी को जावर में हाथी पर भी बिठाकर घुमाया गया था, तब अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि अजीब शहर है सीहोर, कभी हाथी पर घूमाते हैं तो कभी ट्रक में.


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