Jabalpur News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने राज्य भर में हड़ताल (strike) पर गए वकीलों से तत्काल अदालत के कामकाज में लौटने को कहा है. हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर सभी अधिवक्ताओं को आदेश दिए कि वे तत्काल काम पर लौटें. दस पेज के अपने विस्तृत आदेश में कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि इसका पालन नहीं हुआ तो इसे कोर्ट की अवज्ञा माना जाएगा.


काम पर नहीं लौटे तो होगी अवमानना की कार्रवाई
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि वकील काम पर नहीं लौटे तो इसे कोर्ट की अवज्ञा माना जाएगा.


अदालतों में न लौटने वाले वकीलों के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई की जाएगी. कोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिए कि इस आदेश की प्रति के साथ स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर) के अध्यक्ष, हाई कोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन जबलपुर के अध्यक्ष के अलावा प्रदेश भर के जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्षों को नोटिस जारी करें.


किस बात को लेकर हड़ताल पर हैं वकील


यहां बता दें कि वकीलों की नाराजगी की वजह हाई कोर्ट द्वारा अधीनस्थ अदालतों को दिया एक निर्देश है जिसमें कहा गया है कि पांच साल से पुराने 25 चिह्नित प्रकरणों का हर तीन माह में निराकरण करें. इसके विरोध में स्टेट बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 23 से 25 मार्च तक राज्यव्यापी प्रतिवाद दिवस घोषित किया था.


प्रदेश भर के वकीलों ने तीन दिन तक न्यायालयों के कामकाज में भाग नहीं लिया. हाई कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर सभी अधिवक्ताओं को आदेश दिए कि वे तत्काल काम पर लौटें.


CJI से मिलने दिल्ली रवाना हुआ प्रतिनिधिमंडल
वहीं, हाईकोर्ट के इस निर्देश से इतर मध्य प्रदेश बार काउंसिल का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को चीफ जस्टिस आफ इंडिया से मिलने के लिए दिल्ली रवाना हुआ. काउंसिल के चेयरमैन प्रेम सिंह भदोरिया और वाइस चेयरमैन आर के सिंह सैनी ने वकीलों से आह्वान किया है कि वह अपनी हड़ताल को आगे भी जारी रखें. यहां बता दें कि जबलपुर की जिला अदालत में वकीलों की हड़ताल का आज 12वां दिन है.


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