MP News: 120 दिन की जेल के बाद जबलपुर (Jabalpur) के पूर्व बिशप को बेल मिल गई है.मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) ने पूर्व बिशप पीसी सिंह (P.C Singh) को इस आधार पर बेल दी है कि वह अपना पासपोर्ट (Passport) जमा करें और इस दौरान किसी भी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश ना करें. साक्ष्य व सबूतों से छेड़छाड़ न करने की शर्त भी कोर्ट ने रखी है. यहां बता दें कि पूर्व बिशप पीसी सिंह के खिलाफ देश भर में 80 मामले दर्ज है.


बिशप के सभी बैंक अकाउंट सीज
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जस्टिस नंदिता दुबे (Nandita Dubey) की बेंच ने मंगलवार को 10 लाख के मुचलके और पासपोर्ट जमा करने की शर्त पर पीसी सिंह को जमानत का लाभ दे दिया. कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी ने चालान पेश कर दिया है. आरोपी के सभी बैंक अकाउंट सीज हो गए हैं और उसे सभी पदों से हटा दिया गया है. इसलिए अब जमानत दी जा सकती है. कोर्ट ने पीसी सिंह से यह भी कहा कि वे ट्रायल में पूरा सहयोग करेंगे. किसी भी गवाह पर दबाव नहीं डालेंगे और न ही साक्ष्य व सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे.


फर्जीवाड़ा समेत बिशप पर ये आरोप
यहां बता दें कि पूर्व बिशप पीसी सिंह पर मिशनरियों की शैक्षणिक संस्थाओं की राशि के दुरुपयोग व मिशन की संपत्ति में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है.आवेदक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे ने दलील दी कि पी सी सिंह पिछले चार माह से न्यायिक अभिरक्षा में है. उसके विरुद्ध चालान भी पेश हो चुका है. इसके अलावा उसकी आयु व शारीरिक स्वास्थ्य को देखते हुए जमानत
अर्जी मंजूर कर ली जाए. वहीं, राज्य शासन की ओर से जमानत अर्जी का विरोध किया गया. सरकार की ओर से दलील दी गई कि मामला गंभीर प्रकृति का है.


बिशप के पास 10 FD समेत 174 बैंक खाते
गौरतलब है कि इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) की टीम ने 8 सितम्बर 2022 को पूर्व बिशप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित कार्यालय व घर पर दबिश दी थी. इस दौरान 80 लाख का सोना, 1.65 करोड़ रुपए नकद, 48 बैंक खाते, 18 हजार 352 यूएस डालर, 118 पाउंड, 9 लग्जरी गाड़ियां तथा 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे. छापे के दौरान पीसी सिंह देश के बाहर थे. ईओडब्ल्यू ने उसे नागपुर एयरपोर्ट से 12 सितम्बर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था. ईओडब्ल्यू द्वारा उसे 4 दिन की रिमांड पर लिए जाने के दौरान उसने 10 एफडी सहित 174 बैंक खातों की जानकारी दी थी. पूर्व बिशप ने मिशन कंपाउंड स्थित बेशकीमती जमीन खुद के नाम आधे दामों में खरीदी थी. आरोप है कि उसने बिशप रहते हुए जमीन बेची और क्रेता के तौर पर स्वयं खरीद ली.


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