MP High Court on Nursing College: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस एके पालीवाल की युगलपीठ ने नर्सिंग स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के जिन 56 नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच पर रोक लगाई है, उनके छात्रों को परीक्षा में शामिल करें.


इस मामले की अगली सुनवाई एक जुलाई को निर्धारित की गई है. हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को जांच रिपोर्ट पेश करने के भी निर्देश दिए  हैं. बता दें, लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन, जबलपुर की ओर से फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी. इसके बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में संचालित नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई को सौंपी थी. 


सुप्रीम कोर्ट ने दिया था स्थगन आदेश
सीबीआई जांच रिपोर्ट के आधार पर नर्सिंग कॉलेजों के संचालन और छात्रों को परीक्षा में शामिल किए जाने के संबंध में हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में विस्तृत आदेश जारी किए गए थे. लेकिन, प्रदेश के 56 नर्सिंग कॉलेज सुप्रीम कोर्ट से स्थगन आदेश ले आए थे, जिस वजह से नवीन परीक्षा कार्यक्रम में उनके छात्रों को शामिल नहीं किया गया था.


नियमों में ढ़ील देने पर हाईकोर्ट में चैलेंज
पूर्व में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से राज्य सरकार द्वारा नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम-2024 को चुनौती देते हुए याचिका में संशोधन का आवेदन प्रस्तुत किया गया था. इसमें कहा गया कि नए नियम में नवीन कॉलेज की मान्यता और पुराने कॉलेजों की मान्यता नवीनीकरण हेतु 20-हजार से 23 हजार वर्गफीट अकादमिक भवन की अनिवार्यता को समाप्त करते हुए मात्र आठ हजार वर्गफीट कर दिया गया था.


आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि पिछले दो सालों में सीबीआई जांच में प्रदेश के 66 नर्सिंग कॉलेज अयोग्य पाए गए हैं, जिसमें सरकारी कॉलेज भी शामिल हैं. सरकार ने इन्हीं कॉलेजों को नए सत्र से बैकडोर एंट्री देने के लिए नए नियम शिथिल किए हैं. इसके बाद हाई कोर्ट ने मान्यता संबंधी नए नियम को लागू करने पर रोक लगा दी थी.


अब हाईकोर्ट से मिली छात्रों को राहत 
इसी दौरान प्रदेश के 56 नर्सिंग कॉलेज (जिन्होंने सीबीआई जांच पर सुप्रीम कोर्ट से स्थगनादेश ले रखा है) के छात्रों द्वारा परीक्षा में शामिल करने को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में अपील दायर की गई. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस एके पालीवाल की युगलपीठ ने मंगलवार (7 मई) को इस मामले में सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के जिन 56 नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच पर रोक लगाई है, उनके छात्रों को परीक्षा में शामिल करें.


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