मध्य प्रदेश का ग्वालियर जिला ऐतिहासिक धरोहर के नाम से जाना जाता है. तानसेन की नगरी ग्वालियर अब यूनेस्को की म्यूजियम ऑफ म्यूजिक कैटेगरी में दावेदार हैं. यूनेस्को पहले ही हिस्टोरिक अर्बन लैंडस्केप रिकमंडेशन में ग्वालियर और ओरछा का चयन कर चुका है. नई कैटेगरी में दावेदारी को पुख्ता करने के लिए कार्य योजना के साथ तैयारी चल रही है. 


स्मार्ट सिटी सीईओ जयति सिंह ने बताया कि संगीत विरासत को आधुनिक तरीके से प्रदर्शित करने के लिए नई तकनीक का उपयोग किया गया है.


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यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में ओरछा, मांडू,सतपुरा नेशनल पार्क और भेड़ाघाट को शामिल करने की पहल हुई है.


बीते वर्ष ऐतिहासिक और संगीत की विरासत को समेटे ग्वालियर को सिटी ऑफ म्यूजिक के रूप में दावेदारी की गई थी. अपनी अपनी कैटेगरी में पूरे देश में ग्वालियर के अलावा सिर्फ श्रीनगर का दावा आगे बढ़ सका था. इसके बाद हेरीटेज अर्बन लैंडस्केप के लिए जुलाई में भी बैठक हुई. 


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिये ये निर्देश


मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के संचालक मंडल की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पर्यटन क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए प्रस्तावित विकास योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए प्रयास में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. बोर्ड बैठक में सीएम के निर्देशों के बाद अब जिले में भी म्यूजियम ऑफ म्यूजिक कैटेगरी की दावेदारी को पुख्ता तरीके से करने के लिए पूरी कार्ययोजना के साथ काम करने की तैयारी होगी.


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