मध्य प्रदेश सरकार ने नगरीय निकायों में आधारभूत विकास बढ़ाने के लिए 2800 करोड़ रुपए कर्ज लेने और इसकी भरपाई के लिए स्टांप ड्यूटी, प्रॉपर्टी टैक्स और मनोरंजन कर बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है. यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में पेश होगा. सरकार का मानना है कि 2027 के निकाय और 2028 के विधानसभा चुनावों से पहले शहरों में विकास कार्य पूरा कर देना चाहिए.

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मुख्यमंत्री आधारभूत विकास योजना के नए चक्र के लिए 2000 से ज्यादा नगरीय निकायों को कुल 2798.80 करोड़ रुपए बांटे जाएंगे. सरकार अनुमान लगा रही है कि इस राशि के बदले उसे 2032-33 तक ब्याज सहित लगभग 6000 करोड़ रुपए वापस मिलेंगे. योजना के पिछले चक्र में 2023-24 में बजट 2201.20 करोड़ रुपए था, जिसे आगे बढ़ाते हुए नए वित्त वर्ष के लिए इसे और बड़ा रूप दिया जा रहा है. सरकार का लक्ष्य है कि सड़कें, पार्किंग, पार्क और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं में तेजी से सुधार किया जाए.

नई रजिस्ट्री करवाना होगा मुश्किल!

प्रस्ताव के अनुसार स्टांप ड्यूटी पर लगने वाला उपकर 3% से बढ़ाकर 5% किया जाएगा, जिससे नई रजिस्ट्री कराने वालों पर अधिक बोझ आएगा. प्रॉपर्टी टैक्स पर 2% की बढ़ोतरी होगी और 15% तक मनोरंजन कर बढ़ाने का विचार है, जिसका असर सिनेमा टिकट से लेकर इवेंट तक पर पड़ेगा. इसके अतिरिक्त पानी कर, स्वच्छता कर और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कर बढ़ाकर भी आय बढ़ाने के विकल्प पर काम हो रहा है. सरकार प्रॉपर्टी टैक्स की दरें पूरे प्रदेश में एकसमान करने का प्रस्ताव भी ला रही है.

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किन क्षेत्रों में कितने का बजट?

नए चक्र में बड़े शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर को 50–50 करोड़ रुपए, तीन अन्य बड़े नगर निगमों को 35 करोड़ और 13 छोटे निगमों को 20 करोड़ मिलेंगे. नगर पालिकाओं में 1 लाख से अधिक आबादी वाली 17 पालिकाओं को 10 करोड़, जबकि 25 हजार से ऊपर वाली 21 पालिकाओं को 8.5 करोड़ दिए जाएंगे. सभी नगर परिषदों के लिए 6 करोड़ तय किए गए हैं. अब तक 6000 करोड़ रुपए से सड़कें, नालियां, स्ट्रीट लाइट, पार्किंग और पार्क विकसित किए जा चुके हैं. पांचवें चरण में सड़क, जल वितरण और सीवरेज के मास्टर प्लान को जोड़कर इसे अगले मास्टर प्लान की अवधि से लिंक करने की तैयारी की जा रही है ताकि विकास कार्यों में निरंतरता बनी रहे.