MP Assembly Election Results 2023: लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबसूरती यही है कि यहां पर दिल जीत कर वोट हासिल किया जा सकता है. लोकतंत्र के मैदान में अमीरी और गरीबी का कोई फर्क नहीं होता है. इसका ताजा उदाहरण रतलाम जिले के सैलाना सीट से बीजेपी और कांग्रेस को धूल चटकार चुनाव जीते कमलेश्वर डोडियार (Kamleshwar Dodiyar) को देखकर मिलता है. भारतीय आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह चुनाव लड़ पाए. इसलिए उन्होंने कर्ज लेकर चुनाव लड़ा और अपने साले की मोटरसाइकिल पर एमएलए लिखवा. वे मोटरसाइकिल से 330 किलोमीटर का सफर तय कर गुरुवार को भोपाल पहुंचे थे. मोटरसाइकिल से ही कमलेश्वर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) से मिलने पहुंच गए.


रतलाम जिले में पांच विधानसभा सीट है और यहां पर चार पर बीजेपी ने ऐतिहासिक मतों से जीत हासिल की है. सैलाना विधानसभा सीट पर बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस भी अपनी जीत के दावे कर रही थी. इसी दौरान 11 उम्मीदवारों में कमलेश्वर डोडियार भी भारतीय आदिवासी पार्टी (Bharatiya Tribal Party) के बैनर तले चुनाव लड़ने निकल पड़े. कमलेश्वर डोडियार विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय राजनीतिक दल के उम्मीदवारों को पराजित कर दिया. कमलेश्वर डोडियार बहुत गरीब परिवार से आते हैं. उनका पूरा परिवार एक झोपड़ी में रहता है. 


हेलमेट खरीदने के लिए भी नहीं थे पैसे 


डोडियार का बचपन गरीबी में गुजरा. उनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है. उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए मजदूरी और डिलीवरी बॉय का काम किया. उनका परिवार एक झोपड़ी में रहती है. उनका मकान अभी भी कच्चा मकान है. वह आज भी एक मिट्टी के घर में रहते हैं. बारिश होने पर उनकी मुश्किलें बढ़ जाती हैं. क्योंकि बारिश होने पर छत से पानी टपकता है. ऐसे में रात गुजारना मुश्किल हो जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक उनके पास कोई भी गाड़ी नहीं है. यहां तक चुनाव जीतने के बाद उनको भोपाल जाना था, जहां उनको अधिकारियों से जरूरी दस्तावेज वेरीफाई करवाने थे. इसके लिए भी उनके पास पैसे नहीं थे. इसलिए वह अपने साले की मोटरसाइकिल पर एमएलए लिखवा कर भोपाल की सफर पर निकल पड़े. इस दौरान उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था, जब उनसे पूछा गया कि आप ने हेलमेट क्यों नहीं पहना है, तो उन्होंने कहा कि सच कहे तो मेरे पास अभी हेलमेट खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन बहुत जल्द खरीद लूंगा. 


अकाउंट में हैं महज 2000 रुपये


कमलेश्वर की आर्थिक हालत इतनी कमजोर है कि उनके एक बैंक अकाउंट में महज ₹2000 है. कमलेश्वर के पास चल अचल संपत्ति के ब्यूरो पर नजर डाली जाए तो यह 10 लाख के आसपास है. चुनाव जीतने के बाद जब उन्हें भोपाल जाना पड़ा तो वे मोटरसाइकिल से ही रवाना हो गए. नवनिर्वाचित विधायक के पास चौपहिया वाहन तक नहीं है. जिस इलाके से कमलेश्वर ने जीत हासिल की वह आदिवासी बाहुल्य इलाका है. यहां पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों से ही मतदाता नाराज थे.


मोटरसाइकिल पर MLA लिखवाने की थी तमन्ना


जब कमलेश्वर डोडियार चुनाव लड़ रहे थे, उस समय उनके समर्थकों ने कहा था कि चुनाव जीतने के बाद वह मोटरसाइकिल पर विधायक लिखवाएंगे. जैसे ही कमलेश्वर ने चुनाव जीत सबसे पहले मोटरसाइकिल पर एमएलए लिखवाया गया.  इसके बाद अपने समर्थकों के साथ भोपाल के लिए रवाना हुए. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और अपने क्षेत्र के विकास के लिए मदद की गुहार भी लगाई.


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