MP Coronavirus Cases: मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान नियमों का उल्लंघन करने को लेकर 'सामान्य धाराओं' के तहत दर्ज मामलों को वापस लेने की घोषणा की. प्रदेश के गृहमंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने यह जानकारी दी है. बता दें, लॉकडाउन के दौरान मास्क नहीं पहनने या सार्वजनिक रूप से एकत्र होने जैसी गतिविधियों के लिए भारतीय दंड संहिता और महामारी अधिनियम के तहत संक्रमण फैलाने की आशंका के आधार पर लोगों के खिलाफ 56,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे. 


नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकार ने लॉकडाउन अवधि के दौरान कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने के लिए सामान्य धाराओं (गैर-गंभीर अपराधों के लिए लागू) के तहत दर्ज मामलों को वापस लेने का फैसला किया है.'


लॉकडाउन के दूसरे फेज में 22336 केस दर्ज
अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) गृह डॉ. राजेश राजोरा ने बताया कि साल 2020 में 20 मार्च से 30 जून तक की पहली लॉकडाउन अवधि के दौरान आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा घोषित आदेश की अवज्ञा) के तहत कुल 32463 मामले और महामारी अधिनियम के तहत 669 मामले दर्ज किए गए थे. इसी तरह 13 मार्च 2021 और 19 जून 2021 के बीच लॉकडाउन की दूसरी अवधि के दौरान कुल 22336 मामले आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज किए गए और 1202 मामले महामारी अधिनियम के तहत दर्ज किए गए.


पांच मरीजों का चल रहा इलाज
राज्य में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए मार्च 2020 में देशव्यापी और बाद में विभिन्न चरणों में लॉकडाउन लागू किया गया था. प्रदेश के स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, राज्य में चार जून तक कुल 10 लाख 56 हजार 341 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए और 10786 लोगों की मौत हुई. वर्तमान में मध्य प्रदेश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या पांच है.


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