Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज में तीन दिन से चल रहे हंगामे के बाद प्रिंसिपल का इस्तीफा और फिर एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद अब कांग्रेस भी मैदान में आ गई है. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव ने अपना वीडियो जारी कर बीजेपी पर हिंदू मुस्लिम की राजनीति करने का आरोप लगाया है. दरअसल, इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज में एक पूर्व में रही विवादित किताब सामूहिक हिंसा और दांडित न्याय पद्धति को लेकर फिर से विवाद गरमाया है. इसमें कॉलेज के प्रिंसिपल के इस्तीफे के बाद चार लोगों पर एफआईआर भी दर्ज की गई है. 


वहीं अब इसे लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा कहा जा रहा है कि शासकीय लॉ कॉलेज में एक विवादित किताब के हिस्से को लेकर कॉलेज के प्रोफेसरों को निशाना बनाने का षड्यंत्र एबीवीपी के ऐसे छात्र नेताओं ने रचा हैं जो की लॉ कॉलेज में अनैतिक रूप से एडमिशन नहीं करा पाएं हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने वीडियो जारी करते हुए बताया कि शासकीय लॉ कालेज में पांच प्रोफेसर और कॉलेज के प्राचार्य रहमान के खिलाफ शिक्षा माफिया ने षड्यंत्र रचकर रास्ते से हटाने की कोशिश की गई है. धार्मिक उन्माद का सहारा लेकर शिक्षा के मंदिर की स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है. चूंकि, इस बार सबसे ज्यादा बीए एलएलबी में प्रवेश का दबाव था, लेकिन लॉ कालेज में समस्त नियमों का पालन कड़ाई से कराया गया. 


सोची समझी रणनीति के तहत हुआ बवाल- प्रदेशसचिव
इस वजह से कुछ एडमिशन के नाम पर दलाली करने वाले छात्र नेताओं के निशाने पर यह कॉलेज रहा है. इसकी वजह से प्रोफ़ेसरों पर ग़लत आरोप लगाकर बदनाम करने का प्रयास किया गया है. प्रदेशसचिव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि कॉलेज के सीसीटीवी फुटेज की जांच निष्पक्ष एजेंसी से कराई जाए. साथ ही यह पता करना चाहिए की इस विवादित बुक को लाइब्रेरी में किसने खोजकर विवाद बनाने की कोशिश की है. जबकि, एलएलएम की लाइब्रेरी में सैकड़ों किताबें लॉ से संबंधित हैं फिर कैसे इस किताब को खोजकर विवाद को पैदा किया गया. जबकि यह बुक 2014 से लाइब्रेरी में है. इस किताब से एलएलएम में नियमित पढ़ाया भी नहीं जाता है. इसलिए यह जांच का विषय है कि लॉ कॉलेज का माहौल बिगाड़ने के लिए सोची समझी रणनीति के तहत षड्यंत्र रचा गया है. 


सीएम से निष्पक्ष जांच करने की अपील
इसमें डीएवीवी के एक प्रोफेसर की प्रमुख भूमिका है. वहीं पत्र के माध्यम से मांग की गई है कि किसी भी प्रोफेसर और प्राचार्य का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. वहीं राकेश सिंह यादव ने गृहमंत्री द्वारा 24 घंटे में जांच के बाद कार्रवाई करने के बयान को लेकर भी सवाल खड़े किए कहा की इस तरह के आरोप लगाना प्रदेश की शर्मनाक स्थिति दर्शाता है. मध्य प्रदेश में कानून का राज है या तालिबानी राज है, यह मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए. वहीं यादव ने आरोप लगाते हुए कहा की बीजेपी द्वारा प्रदेश में आने वाले चुनाव को देखते हुए हिंदू मुस्लिम की राजनीति का जा रही है. मुख्यमंत्री से निवेदन है निस्पक्ष जांच कराई जाए जो दोषी हो उन्हें सजा मिले और जिनपर दबाव बनाकर इस्तीफा लिया जा रहा है उनका इस्तीफा स्वीकार न किया जाए.




बता दें कि शासकीय लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ इनामुर्रहमान द्वारा यह कहते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया गया था कि वह छात्र व बाहरी छात्र द्वारा आंदोलन किए जाने से आहत है. इसलिए वह इस्तीफा दे रहे है और फिर पुलिस द्वारा उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद प्रिंसिपल को एक आवेदन दिया गया जिसमें उनके कार्यकाल का विवरण देते हुए कहा की वह जांच कर कार्वाई करें. उन्होंने कहा मुझसे दबाव बनाकर मेरी इच्छा के विरुद्ध मुझसे प्राचार्य पद से इस्तीफा लिया गया है.




MP News: धार्मिक कट्टरता फैलाने वाली किताब को लेकर फिर हुआ विवाद, 24 घंटे में जांच कर कार्रवाई के आदेश