Congress Party Protest: कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी के समर्थन में इंदौर के राजीव गांधी चौराहे पर रविवार को कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस के पूर्व मंत्री व राऊ विधायक जीतू पटवारी भी धरने में शामिल हुए. 


प्रधानमंत्री के खिलाफ फूटा कांग्रेसियों का गुस्सा


गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म किए जाने के विरोध में देशभर में कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में मोदी सरकार के फैसले से नाराज चल रही कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं ने इंदौर में भी जमकर विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी की अगुवाई में नाराज कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने संकल्प सत्याग्रह किया.


उसी दौरान कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम करने की भी कोशिश की, लेकिन उन्हें जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव ने समझा-बुझाकर रोड से उठाकर मंच पर बिठा दिया. इस दौरान नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.


राहुल की सदस्यता लेने को बताया तानाशाही की शुरुआत


वहीं, इस मौके पर कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज पूरे देश में कांग्रेस ने सत्याग्रह रखा है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता लेने से मध्य प्रदेश के एक-एक कार्यकर्ता में भारी रोष है. उन्होंने कहा कि तानाशाही क्या होती है, यह सुना था. राहुल जी की सदस्यता खत्म करना तानाशाही की शुरुआत है. मुझे भी विधानसभा से निलंबित कर रखा है. अभी विक्रांत भूरिया के घर जाकर सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने उनकी गिरफ्तारी की है. आमजन की भावनाओं का दमन किया जा रहा है.


पटवारी ने आगे कहा कि हम राजीव जी की प्रतिमा के नीचे उनकी शहादत को नमन करते हुए राहुल जी के साथ जो किया किया गया है, उसका प्रतिकार करते हैं. 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा तो यह किसने खाया और क्यों खाया? यह नहीं बताया. अडानी की कंपनी में 20 हजार करोड़ रुपये शैल कंपनियों के आए, तो क्या यह नहीं पूछेंगे और पूछेंगे तो सदन से बाहर हो जाओगे.


जेपी नड्डा और अमित शाह पर भी साधा निशाना 


पटवारी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नड्डा और शाह ने प्रदेश में यह नहीं बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के किसानों को कर्जदार क्यों बना दिया. प्रदेश में बेरोजगारी क्यों है? जिन आदिवासियों की वे बात कर रहे थे. उनके साथ सबसे ज्यादा बलात्कार, अत्याचार हुए हैं. अमित शाह यह नहीं बता पाए कि जब प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या हुई, विधायक खरीदे-बेचे गए, तो वो काला धन कहां से आया? 


दोबारा सरकार बनाने का लिया संकल्प


वहीं, जीतू पटवारी ने कहा कि कमलनाथ ने डेढ़ साल की सरकार में प्रदेश के विकास के लिए जो प्लान बनाए थे, वो क्यों हटाए गए. क्या गलती थी किसानों की? अब जब चुनाव होंगे तो जनता इसका जवाब देगी. चुनाव जनता और भाजपा के बीच है. कांग्रेस तो एक माध्यम है. 160 से ज्यादा सीटें पाकर कांग्रेस की सरकार सौ फीसदी बनेगी. प्राण न जाए पर वचन न जाए, इस भाव से कांग्रेस की सरकार बनेगी.


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