Bhopal News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज हिंदी में MBBS प्रथम वर्ष की पुस्तकों का विमोचन करने भोपाल आ रहे हैं.  एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने उन छात्रों की पीड़ा देखी है जिन्हें अंग्रेजी नहीं आती. अंग्रेजी कमजोर होने के कारण कई छात्र मेडिकल की पढ़ाई छोड़ देते हैं. सीएम ने कहा कि हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई की शुरुआत  करना एक चुनौती थी, लेकिन अब ये काम आगे बढ़ गया है. एमबीबीएस के अलावा अब इंजीनियरिंग और बाकी तकनीकी विषयों का पाठ्यक्रम भी अब हिंदी में होगा.


हिंदी में कैसे लिखे जाएंगे दवाओं के नाम
जब शिवराज से प्रश्न पूछा गया कि डॉक्टर हिंदी में दवा का नाम कैसे लिखेंगे तो उन्होंने कहा कि दवाओं का नाम पर्चे पर हिंदी में क्यों नहीं लिखा जा सकता, हम अपने प्रदेश के डॉक्टरों से इस बारे में आग्रह करेंगे. उन्होंने कहा कि दवाओं के नाम हिंदी में क्यों नहीं लिखे जा सकते, ऊपर 'श्री हरि' और दवाओं के नाम नीचे लिखें.' शिवराज ने कहा कि जब जापान, चीन अपनी भाषा में सारी पढ़ाई कर सकते तो भारत पीछे क्यूं रहे. मैंने हिंदी माध्यम के छात्रों की पीड़ा देखी है इसलिये हिंदी में पढ़ाई की प्रशंसा देश भर के विद्वान कर रहे हैं. 


अपनी मातृ भाषा पर गर्व महसूस होना चाहिए


मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश हिंदी में चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा. सरकार की इस महत्वपूर्ण पहल के बारे लोगों को जागरूक करने के लिए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि  गांव का एक गरीब व्यक्ति भी यह सोचता है कि चाहे भले ही उसकी सारी संपत्ति बिक जाये, लेकिन बच्चा इग्लिश मीडियम स्कूल में ही पढ़े, उन्होंने दावा किया कि एक छात्र को अंग्रेजी नहीं जनाने के कारण मेडिकल कॉलेज से बाहर कर दिया गया. उन्होंने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा अब हर बच्चा अपनी भाषा में मेडिकल की पढ़ाई कर सकेगा. सीएम ने कहा कि बड़ों को अपने बच्चों की मानसिकता को हिंदी के प्रति बदलना चाहिए और उन्हें भाषा पर गर्व महसूस कराना चाहिए ताकि वे इसे आसानी से स्वीकार कर सकें.


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