MP Kanya Vivah Yojana: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सामूहिक विवाह सम्मेलन में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अपने बेटे की शादी का उदाहरण देकर पूरे प्रदेशवासियों को संदेश दिया. सीएम मोहन यादव ने कहा कि सामूहिक विवाह सम्मेलन फिजूलखर्ची रोकने एक अच्छा माध्यम है. सामूहिक विवाह सम्मेलन में सीमित संख्या में परिजन उपस्थित होकर पूरे रीति-रिवाज और धूमधाम से अपने बेटे-बेटियों का विवाह करने से फिजूलखर्ची नहीं होती.


मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सामूहिक विवाह सम्मेलन से धनराशि की बचत भी होती है, जो अपने बच्चों के भविष्य की योजनाओं के लिए उपयोग की जा सकती है. सीएम ने कहा कि दो दिन पहले मैंने भी अपने पुत्र का विवाह किया है, जिसमें 200 अतिथियों को ही आमंत्रित किया था.


बता दें मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आष्टा में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुए. मुख्यमंत्री डॉ यादव ने वर-वधुओं को आशीर्वाद देते हुए उज्जवल भविष्य के लिए मंगल कामना की. विवाह सम्मेलन में 748 कन्याओं का विवाह धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार संपन्न हुआ. समारोह में 179 कन्याओं का निकाह भी कराया गया. 


कर्जदार होने से बचे मां-बाप
मुख्यमंत्री डॉ  मोहन यादव ने कहा कि संपन्न व्यक्ति अपने बच्चों की शादी में अपने और बच्चों के सपने साकार कर लेते हैं. गरीब मां-बाप के लिए यह सपना ही रह जाता है और शादी के लिए जमीन बेचने से लेकर कर्ज तक लेना पड़ता है, ऐसे ही गरीब मां-बाप की बेटियां की शादी पारंपरिक रीति-रिवाज और धूमधाम से करने के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना चलाई जा रही है. आज निर्धन माता पिता अपनी बेटी की शादी की चिंता से मुक्त हैं. 


49 हजार रुपये के दिए जाते हैं चेक 
डॉ मोहन यादव ने कहा कि जनता के कल्याण के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजना के लिए धन की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत वधु को 55 हजार रूपए शासन की और से दिए जाते हैं, जिसमें 49 हजार रूपए का चेक दिया जाता है.


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