MP Board Exam 2024: मध्य प्रदेश में 10वीं के बोर्ड एग्जाम सोमवार 5 फरवरी से शुरू हो गए हैं, लेकिन परीक्षार्थियों के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल का एक तुगलकी फरमान परेशानी का सबब बन गया है. रविवार से हो रही बारिश और मौसम में हुए बदलाव के चलते तापमान में गिरावट आई है और ठंड बढ़ गई है. इस बीच भिंड जिले में हाई स्कूल की परीक्षा देने पहुंचे छात्रों से उनके गर्म कपड़े परीक्षा केंद्रों के बाहर ही उतरवा लिए गए, जिसकी वजह से बच्चों को इस कड़कड़ाती ठंड में परीक्षा देनी पड़ी. 


एक ओर एग्जाम का प्रेशर और दूसरी तरफ कंपकंपाती ठंड के बीच में बिना गर्म कपड़ों के बैठना. ऐसे में बच्चों का पेपर देने पर कितना फोकस हो पाएगा? ये हालात बने हैं मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की ओर से जारी किए गए आदेश की वजह से. छात्र कड़कड़ाती ठंड में परीक्षा देने को मजबूर हैं.


बच्चों ने दिया ठंड का हवाला तो पढ़ा दिए गए नियम
असल में रविवार सुबह से ही चंबल अंचल में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है जिसकी वजह से मौसम में बदलाव आ गया है. 2 दिन से पारा गिरा हुआ है. वहीं, जब भिंड के मेहगांव कस्बे में बने शासकीय कन्या शाला परीक्षा केंद्र पर सोमवार सुबह बच्चे पहला पेपर देने पहुंचे तो केंद्र के बाहर ही उनके स्वेटर-जैकेट और अन्य सभी गर्म कपड़े उतरवा लिए गए. बच्चों ने ठंड का हवाला भी दिया तो उन्हें नियमों की बात कह कर शांत करा दिया गया. 


अगले पेपर में गर्म कपड़े पहन कर आने से किया मना
मेहगांव कन्या शाला केंद्र पर 10वीं बोर्ड परीक्षा का पहला पेपर देने पहुंची छात्रा वंदना शर्मा ने बताया कि सुबह से ही तेज़ ठंड है. जब वह यहां आईं तो केंद्र के बाहर ही उनके गर्म कपड़े उतरवा लिये गए. उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद शिक्षक से कहा भी कि सर्दी ज्यादा है. अंदर भी ठंड लगेगी, तो उन्होंने मना करते हुए अंदर भेज दिया. इसकी वजह से अंदर ठिठुरन भरी सर्दी के बीच ही पेपर देना पड़ा. साथ ही अगले पेपर से गर्म कपड़े पहन कर आने से भी मना कर दिया गया है. वहीं, एक अन्य छात्र रमन जैन ने भी ठीक इसी तरह की बात रखी. 


अपर कलेक्टर की नसीहत को भी किया अनसुना
इन हालातों के बीच भिंड जिले के अपर कलेक्टर राजकुमार खत्री भी निरीक्षण पर पहुंचे तो बच्चों की हालत देख उन्होंने परीक्षा केंद्र के सीएस को ऐसा ना करने की नसीहत दी. हालांकि अपर कलेक्टर कुछ देर में ही वहां से चले गए. जब इस संबंध में मीडिया ने परीक्षा केंद्राध्यक्ष से बात की तो उनका कहना था कि माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा परीक्षा केंद्रों के लिए नियम तय किए गए हैं. इनमें इस बार परीक्षार्थियों को सिर्फ उतने ही कपड़े पहनकर आने की इजाज़त दी गई है जिनसे शारीरिक सुरक्षा हो सके. वहीं एडीएम के निर्देशों को उन्होंने व्यावहारिक नसीहत बताया.


बच्चों के रिल्ट और स्वास्थ्य पर पड़ सकता है असर
एक ओर सरकार और शिक्षा विभाग बच्चों को तनाव रहित परीक्षाएं देने की बात करते हैं. वहीं इस ठंड में भी बच्चों को बिना गर्म कपड़ों के परीक्षा के लिए तीन घंटे बैठना पड़ रहा है. ऐसे में बच्चे अब परीक्षा पर फोकस करें या ठंड से बचने पर? स्थिति अगर आगे भी यही रही तो इस बार चंबल में बच्चों की परीक्षा के नतीजे प्रभावित होने की आशंका बनी रहेगी. साथ ही इन परीक्षार्थियों के बीमार होने का भी खतरा होगा.


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