Rewa News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अलग-अलग जिलों में भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है. लोकायुक्त की कार्रवाई से सरकारी विभागों में हड़कंप की स्थिति है. इसी कड़ी में मंगलवार को लोकायुक्त रीवा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 3 रिश्वतखोरो को रंगे हाथों पकड़ा है. इसमें 2 आरोपी रीवा जिले के है जबकि एक सिंगरौली जिले का है.


लोकायुक्त ने की बड़ी कार्रवाई
जानकारी के अनुसार पहली कार्रवाई में विनीत त्रिपाठी सहायक ग्रेड-3 संभाग क्रमांक-1 म.प्र. सड़क विकास निगम रीवा को 40 हजार रुपये रिश्वत के साथ रंगे हाथों पकड़ा है. उन्होंने पेट्रोल पंप खोलने की एनओसी देने के एवज में रिश्वत की मांग की थी. सुलेखा पटेल ने इस मामले की शिकायत लोकायुक्त से की थी. शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई. वहीं दूसरी कार्रवाई चेतराम कौशल जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी रीवा को 10 हजार रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया है.


खाद्य आपूर्ति अधिकारी नया पेट्रोल पंप लगाने के लिए एनओसी जारी करने के एवज में रिश्वत की मांग कर रहे थे. आवेदक सुरेश कुमार पटेल ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से की थी. तीसरी कार्रवाई में जनपद कार्यालय देवसर जिला सिंगरौली के पीसीओ रुकमणी कांत द्विवेदी को 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. विनीत गौतम ने लोकायुक्त को शिकायत की थी की बहन के विवाह उपरांत मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का पैसा स्वीकृति के लिए फील्ड निरीक्षण करने के एवज में रिश्वत मांगी थी. इसकी जानकारी गोपाल सिंह धाकड़ एसपी लोकायुक्त रीवा ने दी.


तीन सरकारी अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
वहीं इस मामले में जियाउल हक निरीक्षक लोकायुक्त पुलिस रीवा ने बताया कि जनपद देवसर पंचायत में पदस्थ पीसीओ रुक्मिणी कांत दुबे को मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह सहायता राशि दिलाने के नाम पर हितग्राही से दस  हजार रु की मांग कर रहा था जिसकी  विनीत गौतम ने लोकायुक्त विभाग में लिखित शिकायत की थी. उसने शिकायत में लिखा थी कि अपनी बहन की शादी के बाद विवाह सहायता राशि पाने के एवज में जनपद के पीसीओ रिश्वत मांग रहे. शिकायत के आधार पर लोकायुक्त ने कार्रवाई की और आरोपी को पांच हजार रु देते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया.


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