MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) शहर में विकास से जुड़े मुद्दों को धर्म और राष्ट्रवाद की चाशनी में लपेटकर जनता के वोट बटोरने की तैयारी राजनीतिक दलों और उनके नुमाइंदों द्वारा जमकर की जा रही है. विधानसभा चुनाव की अचार संहिता लगने के भय से कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) दोनों ही पार्टियों के नेता धर्म और राष्ट्रवाद से जुड़े सालों पुराने वादों की योजनाओं और प्रतीकों का धड़ाधड़ भूमि पूजन और शिलान्यास कर रहे हैं. वैसे, चुनाव की आहट देखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) भी पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर शिलान्यास और लोकार्पण कर रहे हैं.
सबसे पहले बात करते हैं कांग्रेसी खेमे की. कांग्रेस के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने साल भर पहले चुनाव जीतने के बाद घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि वो मध्य प्रदेश का सबसे ऊंचा तिरंगा ध्वज जबलपुर में लगाएंगे. शनिवार (7 सितंबर) को महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के ऐतिहासिक त्रिपुरी स्मारक में सबसे ऊंचा ध्वज लगाने का भूमि पूजन स्थानीय विधायक तरुण भनोट की मौजूदगी में किया. इसके अलावा उन्होंने उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र के सिविक सेंटर पार्क में भारत माता मंदिर बनाने के काम की भी आधारशिला रखी.
अचार संहिता से पहले योजनाओं के शिलान्यास में जुटे नेताराष्ट्रीय प्रतीक की इन दोनों योजनाओं के साथ ही महापौर अन्नू ने नर्मदा नदी में मिलने वाले नालों पर फिल्टर प्लांट लगाने के काम का भी शिलान्यास किया है, जो धार्मिक मान्यता से जुड़ा प्रकल्प है. इसी तरह सूबे में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेता भी चुनावी अचार संहिता लगने के पहले करोड़ों की धार्मिक और पर्यटन महत्त्व की योजनाओं का शिलान्यास करने में जुटे हैं. मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के चेयरमेन विनोद गोटिया ने नर्मदा तट गौरीघाट में म्यूजिकल फाउंटेन के निर्माण का शिलान्यास किया. इसके अलावा जबलपुर के सांसद और पश्चिम विधानसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी राकेश सिंह ने ग्वारीघाट में नर्मदा परिक्रमावासियों के लिए सामुदायिक भवन का भूमि पूजन किया.
पर्यटन केंद्र भेड़ाघाट में साइंस सेंटर और तारामंडल के निर्माण का भूमि पूजन भी राकेश सिंह द्वारा किया गया. जबलपुर के वरिष्ठ पत्रकार काशीनाथ शर्मा का कहना है कि नेता वादे तो पूरे 5 साल करते हैं, लेकिन उन्हें पूरा करने की याद चुनाव के समय ही आती है. जबलपुर सहित पूरे प्रदेश में यही हाल है. वादे और दावों को पूरा करने के लिए दोनों दलों के नेता दिन-रात लोकार्पण और शिलान्यास में लगे हुए हैं.