Madhya Pradesh Election 2023 News: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का सोमवार को एलान होगा. भारत निर्वाचन आयोग इस बाबत प्रेस वार्ता करेगा. निर्वाचन आयोग के एलान के बाद राज्य में चुनाव की रणभेरी बज जाएगी. बता दें मध्य प्रदेश, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी, दोनों के लिए अहम है. मध्यप्रदेश को देश का दिल कहा जाता है.  साल 2018 में कांग्रेस 15 साल बाद एमपी की सत्ता में आई थी लेकिन साल 2020 में सिंधिया की बगावत के बाद कांग्रेस सरकार गिर गई. एमपी, गुजरात के बाद सबसे ज्यादा समय तक बीजेपी शासित राज्य है. कर्नाटक में जीत के बाद एमपी से कांग्रेस को उम्मीद है. कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में जबकि बीजेपी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की तैयारी में है.


सीट वार बात करें तो साल  2018 में  एमपी में 10 सीटों पर हार जीत का अंतर 1000 से भी कम था  जिसमें से 3 बीजेपी जीती और  7 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की. वहीं 8 सीटों पर हार जीत का अंतर 1 से 2 हजार के बीच था. इसमें से 5 बीजेपी और 3 कांग्रेस जीती. इसके अलावा 12 सीटों पर हार जीत का अंतर 2 से 3 हजार के बीच था. इसमें से 6 बीजेपी, 5 कांग्रेस जीती और 1 बीएसपी जीती.


आइए हम आपको बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस,दोनों के लिए यह चुनाव अहम क्यों है-


एमपी कांग्रेस के लिए अहम क्यों
- कर्नाटक में जीत के बाद एमपी से कांग्रेस को उम्मीद है.
- कर्नाटक की तरह एमपी में भी सत्ता से बेदखल हुई थी कांग्रेस है.
- एमपी में कांग्रेस का स्थानीय नेतृत्व काफी मजबूत है.
- पूर्व सीएम कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस पूरी तरह तैयार है.
- प्रियंका गाधी सहित कांग्रेस पार्टी एमपी में जीत के लिए पूरी कोशिश में है.
- लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव जीतकर बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने का मौका है.


एमपी बीजेपी के लिए अहम क्यों 
- गुजरात के बाद सबसे ज्यादा समय तक बीजेपी शासित राज्य है.
- राज्य में आने वाली 29 लोकसभा सीटें बीजेपी के लिए अहम है.
- पीएम मोदी और बीजेपी के बड़े नेता एमपी चुनाव के लिए सक्रिय है.
- कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने फायदा है.
- एमपी में बीजेपी 90 के दशक से ही काफी मजबूत है.
- 2018 की तरह तीनों हिंदी भाषी राज्यों में बीजेपी हार नहीं चाहती.