MP Assembly Election Results 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के तीन दिन बाद भी नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं हुआ है. हालांकि,इस बीच सीएम की कुर्सी के दावेदारों के नाम को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) वाली बीजेपी (BJP) अमूमन अपने पत्ते अंतिम समय तक नहीं खुलता है, लेकिन फिर भी निवृत्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) सहित कई दिग्गज नेताओं के नाम प्रमुखता से लिये जा रहे हैं.कहा जा रहा है कि आजकल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम का फैसला ले लिया जाएगा.


यहां बताते चले कि बीजेपी ने बंपर जीत के साथ पांच साल के लिए एक बार फिर मध्य प्रदेश की सत्ता हासिल की है. अंतिम नतीजों में पार्टी ने 163 सीटों के साथ अपने चुनाव अभियान का शानदार समापन किया. चूंकि,पार्टी आलाकमान ने इस बार के चुनाव में किसी को भी सीएम फेस प्रोजेक्ट नहीं किया था. इसलिए सूबे के राजनीतिक हलकों में शिवराज सिंह चौहान के स्थान पर नए नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी देने की चर्चा चल पड़ी है. हालांकि, कहां जा रहा है कि अभी भी शिवराज सिंह चौहान ही मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए सबसे बड़े दावेदार हैं. इसकी तीन बड़ी प्रमुख वजह बताई जा रही हैं.


क्यों हैं शिवराज सिंह सीएम की रेस में सबसे आगे?


एक, तो आधी आबादी और महिलाओं के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता, जिसके चलते पार्टी को मध्य प्रदेश में बड़ी जीत हासिल हुई है. दूसरी वजह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश का सबसे बड़ा ओबीसी चेहरा हैं, जिनके वोटरों की संख्या लगभग पचास फीसदी है. तीसरी वजह शिवराज सिंह चौहान के सुशासन से जुड़ी है. उनकी मतदाताओं के अलावा मध्य प्रदेश में प्रशासनिक और राजनीतिक पकड़ बहुत गहरी है. जिसका लाभ 2024 में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी के लिए मिल सकता है. साल 2020 में कमलनाथ सरकार की तख्ता पलट के बाद भी तमाम किंतु-परंतु के बावजूद इसी तरह शिवराज सिंह चौहान को ही एक बार फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी गई थी.


निवृत्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी लोगों का कहना है की सीएम कुर्सी तो उन्हें ही मिलने जा रही है, लेकिन,खुद शिवराज ने एक बार फिर सीएम बनने के लिए कोई अधीरता नहीं दिखाई है. बाकी नेताओं की तरह दिल्ली दौड़ लगाने की जगह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीजेपी को लोकसभा में मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटें जिताने के मिशन में लग गए हैं. इसी कड़ी में सीएम शिवराज सिंह चौहान आज बुधवार (6 दिसंबर) को छिंदवाड़ा पहुंच रहे हैं. मंगलवार को भोपाल में मीडिया से बातचीत में उन्होंने साफ कहा कि वे दिल्ली नहीं जाएंगे, बल्कि छिंदवाड़ा जाकर इस बार 29 कमल के फूलों (लोक सभा की सभी 29 सीटें जीतना) की माला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गले में पहनाएंगे.


सीएम की रेस में प्रहलाद सिंह पटेल का भी है नाम


यदि ओबीसी की जगह ओबीसी को ही नया मुख्यमंत्री बनाने की रणनीति पर बीजेपी आगे बढ़ती है, तो दूसरा बड़ा नाम केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल (Prahlad Singh Patel) का लिया जा रहा है. प्रहलाद पटेल ने अपना पूरा चुनाव खुद को अघोषित तौर पर सीएम प्रोजेक्ट करते हुए लड़ा था. अब प्रहलाद पटेल भी खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताने की जगह मोदी मैजिक का गुणगान कर रहे हैं. उन्होंने मंगलवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरीब कल्याण की योजनाएं, महिला सशक्तिकरण, युवा और किसानों के लिए किए गए कामों को जनता ने जनादेश दिया है. पटेल ने कहा कि यह मोदी मैजिक की जीत है.


कैलाश विजयवर्गीय भी सीएम पद के दावेदार


मुख्यमंत्री के लिए तीसरा जो सबसे मजबूत नाम है. वह मालवा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) का है. विजयवर्गीय पिछले दो दिनों से दिल्ली में हैं और इस दौरान उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की. कैलाश विजयवर्गीय एक तरह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम को खारिज करते हुए यह भी कह चुके हैं कि लाडली बहन योजना नहीं बल्कि मोदी मैजिक ने मध्य प्रदेश में पार्टी को जिताया है.


मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा (VD Sharma) भी छुपा रुस्तम साबित हो सकते हैं. उनकी राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में जबरदस्त पकड़ है, जिसके चलते हुए चुनाव से कुछ माह पहले प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी बचाने में कामयाब हुए थे. दूसरे राज्यों की तरह यदि पार्टी संगठन से किसी को सत्ता में लाने की रणनीति बना रही होगी तो उसमें विष्णुदत्त शर्मा का नाम सबसे आगे रखा जा रहा है.


क्या रीति पाठक बनेंगी सीएम? 


मध्य प्रदेश में बीजेपी को एक बार फिर से सत्ता दिलाने में आधी आबादी यानी महिलाओं का जबरदस्त योगदान रहा है. इसी वजह से कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी किसी महिला एमएलए को भी सौंप सकती है. इसमें सबसे आगे सीधी से विधायक चुनी गई रीति पाठक (Riti Pathak) का नाम चल रहा है. रीति पाठक भी उन सात सांसदों में शामिल हैं, जिन्हें पार्टी ने मध्य प्रदेश में विधानसभा का चुनाव लड़वाया था. रीति पाठक के नाम से महिलाओं के साथ प्रदेश के ब्राह्मण वोटों को भी साधा जा सकता है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यदि रीति पाठक को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी गई तो दो डिप्टी सीएम भी बनाए जाएंगे,जिनमे एक ओबीसी और एक आदिवासी वर्ग से होगा.


क्या पार्टी किसी अनजान नेता को बनाएगी सीएम? 


चुनाव से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भी मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी का बड़ा दावेदार माना जा रहा था, लेकिन उनके बेटे से जुड़े कथित विवादित वीडियो ने उनकी दावेदारी को काफी चोट पहुंचाया है. मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र दुबे कहते हैं कि बीजेपी ने हमेशा से अपने फैसलों से न केवल राजनीतिक पंडितों बल्कि आम लोगों को भी चौक आया है. इसलिए चर्चा में चल रहे नाम के अलावा भी किसी अनजान नेता को पार्टी सीएम की कुर्सी पर बैठा सकती है. अब इतना तो तय है कि मध्य प्रदेश में गुजरात पैटर्न पर बीजेपी की सरकार चलेगी जिसमें बड़े फैसले राजधानी भोपाल की जगह दिल्ली से लिए जाएंगे.


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