MP Assembly Election Result 2023: मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और लाडली बहना के दाम ने भले ही बीजेपी (BJP) को एक बार फिर सत्ता की चाबी सौंप दी है लेकिन स्टेट बीजेपी के हैवीवेट लीडर और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) सहित कई बड़े नाम हारने वाले मंत्रियों की सूची में शामिल हैं. इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्री सहित दो सांसदों को भी बीजेपी की प्रचंड लहर के बीच विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. सबसे कम अंतर से चुनाव हारने वाले मंत्रियों में कमल पटेल (Kamal Patel) का नाम सबसे ऊपर है.


यहां बता दे कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की कैबिनेट में कुल 34 मंत्री थे. इनमें से यशोधरा राजे सिंधिया (Yashodhara Raje Scindia) ने खुद से ही चुनाव नहीं लड़ा था.  वहीं,पार्टी ने ओपीएस भदोरिया ( OPS Bhadoria) का टिकट काट दिया था. शेष 32 मंत्रियों में से 20 ने तो जीत हासिल कर ली लेकिन 12 अप्रत्याशित रूप से चुनाव हार गए. हरदा से कमल पटेल को सिर्फ 870 वोट से हार का सामना करना पड़ा. नतीजों के बाद राजनीतिक जानकार कह रहे हैं कि मध्यप्रदेश में मंत्रियों के खिलाफ बड़ी एंटी इनकम्बेंसी थी.


क्यों नहीं जीत पाए बीजेपी के ये दिग्गज नेता?


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहन योजना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के बावजूद एंटी इनकम्बेंसी इन मंत्रियों को ले डूबी. शिवराज सरकार के मंत्रियों में दतिया से नरोत्तम मिश्रा को 7742 वोट बमोरी से महेंद्र सिसोदिया को 14796 वोट,पोहरी से सुरेश धाकड़ को 49481 वोट,अमरपाटन से रामखेलावन पटेल को 6490 वोट,बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को 2976 वोट, बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन को 29195 वोट, खरगापुर से राहुल सिंह लोधी को 8117 वोट, हरदा से कमल पटेल को 870 वोट, अटेर से अरविंद भदौरिया को 20228 वोट, ग्वालियर ग्रामीण से भारत सिंह कुशवाह को 3282 वोट, बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल को 11172 वोट और परसवाड़ा से रामकिशोर कावरे को 25948 वोट के अंतर से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.


एमपी जीतने के बावजूद बीजेपी के दांव पर फिरा पानी 


बीजेपी ने अपने चौंकाते हुए एक फैसले में तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को चुनाव मैदान में उतार कर बड़ा दांव चला था. इनमें से दो मंत्रियों सहित पांच सांसद तो चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंच गए लेकिन बड़े आदिवासी लीडर और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह को रास्ते को मंडला जिले की निवास सीट से हार का सामना करना पड़ा. अपने भाई रामप्यारे कुलस्ते की चिर-परिचित निवास सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते 9723 वोट से चुनाव हार गए. हालांकि,2018 के चुनाव में रामप्यारे कुलस्ते को भी हार का सामना करना पड़ा था. इसी तरह सतना से सांसद गणेश सिंह को भी विधानसभा चुनाव में 4041 वोट से पराजय मिली.


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