MP Assembly Election 2023: बीजेपी के दिल्ली नेतृत्व के हाथों में चली आ रही मध्य प्रदेश विधानसभा की कमान के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक फिर भावुक नजर आए. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपनी गृह विधानसभा बुधनी से जनता से पूछा कि मैं चुनाव लड़ूं या नहीं. सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिए गए इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है.
बता दें इस बार मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव की कमान बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हाथों में ले रखी है. विधानसभा प्रत्याशियों की अब तक दो सूची बीजेपी ने जारी की है. दोनों ही सूची में 39-39 नाम है, जबकि एक नाम सिंगल है. इस सूची को देखकर सहज नजर आ रहा है कि विधानसभा प्रत्याशियों की सूची में मध्य प्रदेश के लोक नेताओं की पलभर के लिए भी नहीं चल पा रही है.
चुनाव लड़ने को लेकर दिया बयानकेंद्रीय नेतृत्व के हाथों में कमान देख सीएम शिवराज सिंह चौहान अपनी विधानसभा में एक बार फिर से भावुक नजर आए. बुधनी विधानसभा के ग्राम सातदेव में जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता से पूछा कि वे इस बार का चुनाव लड़ें या न लड़ें? वहीं जनता की तरफ से हां में जवाब आया.
'आखिरी दम तक जनता की सेवा'इसके अलावा सीएम ने कहा मैं भाग्यशाली हूं कि एक साथ इतने मंदिरों की सेवा का सौभाग्य मिला है. उज्जैन में महाकाल लोक बनाया, सलकनपुर में देवी लोक, चित्रकूट में राम वन गमन पथ और अब अमरकंटक में नर्मदा लोग बनाएंगे. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यही कामना है कि यह शरीर जितने दिन रहे उतने दिन जनता की सेवा में लग जाए.
सीएम तीन दिन पहले भी हुए थे भावुकबता दें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तीन दिन पहले भी अपनी गृह विधानसभा क्षेत्र बुदनी में संबोधन के दौरान भावुक हो गए थे. लाडक़ुई में कार्यक्रम में शामिल होने आए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लाडली बहनों को संबोधित करते हुए कहा था कि बहनों मैंने सरकार नहीं परिवार चलाया है. मेरे नहीं रहने पर मैं बहुत याद आऊंगा. सीएम शिवराज के इन बयानों के बाद विपक्ष ने भी खूब निशाना साधा था.
ये भी पढ़ें
MP Election 2023: चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और झटका, अब इस नेता ने थामा बीजेपी का दामन