MP: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार (18 मार्च) को मंत्रिपरिषद की बैठक हुई. मंत्रिपरिषद द्वारा नवीन योजना "अविरल निर्मल नर्मदा" कैम्प फंड के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2031-32 के लिए योजना का कुल आकार राशि 124 करोड़ 46 लाख रुपये की सैद्धांतिक स्वीकृति दी. इसके अलावा, पशुपालन विकास सहित कई अन्य योजनाओं को भी कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी है.
अविरल निर्मल नर्मदा योजना का उद्देश्य नर्मदा नदी की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखना, मृदा संरक्षण और जैव विविधता पर जोर, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर नियंत्रण और स्थानीय समुदाय की सहभागिता को बढ़ावा देना है. मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक में इस योजना को लेकर कहा गया कि नर्मदा नदी का अविरलता के साथ नदी के तटों का भूमि का कटाव रुकेगा. स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र में सुधार होगा. जैव विविधता में सुधार होगा. पौधारोपण कार्यों में स्थानीय समुदाय की भागीदारी से नदियों के संरक्षण के प्रति जनभागीदारी की भावना का विकास होगा. इस योजना का क्रियान्वयन वन विभाग के द्वारा किया जाएगा. योजना के क्रियान्वयन में आवश्यकतानुसार जन सहयोग और वन समितियों का सहयोग भी हासिल किया जाएगा. इसके अतिरिक्त क्षेत्र में सघन पौधरोपण से जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों पर नियंत्रण, भू-जल स्तर में वृद्धि, कार्बन अवशोषण बढ़ाने, तटीय क्षेत्र का सौंदर्यीकरण के साथ भू-क्षरण में कमी से नदी पर निर्मित बांधों की उपयोगी जीवन में वृद्धि, रोजगार मूलक गतिविधियों का क्रियान्वयन कर ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार देखने को मिलेंगे. नर्मदा नदी की अविरलता एवं निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे. सीएम के निर्देशानुसार नर्मदा नदी के दोनों तटों से 10 किलोमीटर की दूरी तक स्थित वन क्षेत्रों में पौधारोपण कार्य कराने के लिए नवीन योजना अविरल निर्मल नर्मदा योजना तैयार की गई है. इस योजना का क्रियान्वयन वित्तीय वर्ष 2025-26 से प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है. नर्मदा नदी भारत की पश्चिम दिशा में बहने वाली सबसे बड़ी नदी होने के साथ ही राज्य की सबसे बड़ी नदी भी है. पशुपालन और डेयरी विकास के 191 करोड़ का आवंटन मंत्रि-परिषद ने पशुपालन एवं डेयरी विकास से संबंधित योजनाओं के लिए 191 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. साल 2024-25 के दौरान इस धनराशि को गतिविधियों में रोजगार के नवीन अवसर बढ़ाने, उत्पादकता बढाने, किसानों की आय बढ़ने से जीडीपी में वृद्धि तथा राष्ट्र की जीडीपी में योगदान बढाने के लिए मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना सहकारिता के माध्यम से पशुपालन गतिविधियों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने पर ब्याज अनुदान, भ्रूण प्रत्यारोपण कार्यक्रम, बांझ निवारण शिविरों का आयोजन, मुख्यमंत्री डेयरी प्लस कार्यक्रम, चारा उत्पादन कार्यक्रम प्रदेश की मूल गौ-वंशीय नस्ल एवं भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू गायों के लिए पुरस्कार कार्यक्रम, मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम तथा पशुपालकों को योजनाओं की जानकारी प्रदान करने एवं उन्मुखीकरण गतिविधियों पर खर्च किया जाएगा. अब तुअर की खरीद एमएसपी पर मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में खरीफ वर्ष-2024 में केंद्र सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम अंतर्गत तुअर फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जन लक्ष्य का अनुमोदन एवं पंजीकृत कृषकों से निर्धारित लक्ष्य के अतिरिक्त उपार्जन पीएसएस गाइडलाइन के अनुसार किए जाने का निर्णय लिया गया. खरीफ वर्ष 2024 (विपणन वर्ष 2024-25) में तुअर का प्रदेश के तुअर उत्पादक 43 जिलों के पंजीकृत कृषकों से न्यूनतम समर्थन मूल्य रूपये 7550 पर एमपी सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा उपार्जन किया जाएगा. तुअर उपार्जन कार्य के लिए राज्य सहकारी विपणन संघ भोपाल को उपार्जन एजेंसी के रूप में अधिकृत किया गया है. एक लाख 27 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है. इंदौर-पीथमपुर कॉरिडोर के लिए होगा भूमि का अधिग्रहण एमपी में निवेश क्षेत्र विकास और प्रबंधन योजना के अंतर्गत इंदौर-पीथमपुर फाइनेंशियल (इकोनॉमिक) कॉरिडोर योजना क्षेत्र में आपसी सहमति के आधार पर भू-अर्जन की कार्यवाही में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया है.निर्णय अनुसार भू-धारक निजी भूमि क्रय किए जाने के दिनांक को कलेक्टर द्वारा जारी की गई गाइडलाइन की तत्समय प्रभावशील दर के अनुसार संगणित भूमि के मूल्य और भूमि पर स्थित स्थावर परिसंपत्तियों के मूल्य के बराबर राशि प्रतिफल (Consideration) के रूप में देकर क्रय की जाएगी. इसके अलावा, अतिरिक्त प्रतिफल के समतुल्य राशि विक्रेता को एकमुश्त पुनर्वास अनुदान के रूप में दी जाएगी. इस प्रकार विक्रेता को निजी भूमि और उस पर स्थित स्थावर परिसंपत्तियों के लिए दोगुनी राशि प्राप्त होगी. भूमि के मुआवजा स्वरूप योजना अन्तर्गत आवंटन योग्य क्षेत्रफल का 60 प्रतिशत तक भू-धारकों को उनसे ली गई भूमि के समानुपातिक रूप से प्रदान किया जायेगा. भू-अर्जन के लिए अलग से बजट का होगा आवंटन औद्योगिक क्षेत्रों के लिए लैंडपूलिंग योजना अन्तर्गत विभागीय बजट हासिल की जाएगी. इसमें इंदौर के 9 तथा पीथमपुर के 8 गांवों की भूमि में समाविष्ट हैं. भूमि का कुल रकबा 1290.74 हेक्टेयर है. पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र एवं आगरा-मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग को एयरपोर्ट से सीधे कनेक्टीविटी प्रदान किए जाने के मकसद 75 मीटर चौड़े लगभग 19.60 किलोमीटर मार्ग का निर्माण किया जाएगा. योजना क्षेत्र के 1290.74 हेक्टेयर में से लगभग 1000 हेक्टेयर से अधिक भूमि निजी स्वामित्व की है. शेष शासकीय भूमि है. धुमंतु परिवारों का समर्थ पोर्टल पर होगा पंजीकरण मंत्रि-परिषद ने समेकित विकास के लिए सर्वेक्षण के अंतर्गत विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदाय के परिवारों का विभागीय समर्थ पोर्टल पर चिन्हांकन उपरांत पंजीकरण के लिए सैद्धान्तिक स्वीकृति दी. अब विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदाय के परिवारों का पंजीकरण विभाग के समर्थ पोर्टल पर चिन्हांकन के बाद किया जाएगा. आयुष्मान योजना के लिए होगा भूमि का आवंटन ग्राम झागरिया खुर्द, तहसील हुजूर जिला भोपाल स्थित भूमि खसरा क्रमांक 11 रकबा 4.940 हेक्टेयर में से 4 हेक्टेयर भूमि शासकीय आयुष्मान भारत योजना की स्थापना के लिए नियंत्रण केन्द्र (एन.सी.डी.सी.) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के पक्ष में भूमि का आवंटन भूमि उपयोग परिवर्तन करने की शर्त पर किया जाएगा. प्रश्नाधीन भूमि के भूमि उपयोग के उपांतरण पश्चात ही आवंटन शासन की शर्तों के अधीन निःशुल्क प्रब्याजि एवं एक रुपये वार्षिक भू-भाटक पर स्थाई पट्टे पर आवंटित की गई है. इस योजना के तहत डायग्नोस्टिक सुविधाओं को उन्नत किया जाएगा और उन्हें उन्नत सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा. इस योजना पर अमल में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा विभाग अहम भूमिका निभाएगा.