मध्य प्रदेश में प्याज किसान पहले कुदरत के कहर से ही नहीं पनप पाए थे कि अब प्याज के दामों में गिरावट इस कदर है कि लागत भी नहीं निकल पा रही. मंदसौर मंडी में प्याज 100 रुपए कुंतल बिक रहा है, यानि महज एक रूपए किलो. सरकार से मदद की कोई गारंटी न मिलता देख किसानों ने प्याज की शव यात्रा निकालकर विरोध जताया और मांग की कि प्याज का दाम निर्धारित हो ताकि किसान फसल उचित मूल्य पर बेच सकें.

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किसानों ने प्याज की शव यात्रा बाकायदा बैंड बाजों के साथ निकाली और श्मशान घाट पहुंचकर अंतिम संस्कार किया. किसानों की इस मांग पर विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने भी मोहन यादव सरकार को निशाने पर लिया है.

सरकार से समर्थन मूल्य निर्धारण की मांग

मंदसौर के ग्राम धमनार में प्याज के गिरते दामों से परेशान किसानों किसानों ने बाकायदा अर्थी सजा कर बैंड बाजों के साथ प्याज की शव यात्रा निकाली और शमशान घाट पहुंचकर अंतिम संस्कार भी किया. किसानों का आरोप है कि उन्हें प्याज के सही दाम नहीं मिल पा रहे है.  दाम इतने कम है कि मुनाफा तो दूर प्याज की कटाई करके मंडी तक ले जाने का भाड़ा भी नहीं मिल पा रहा हैं. ऐसे मैं किसान चाहते हैं कि सरकार इसमें दखल दें. प्याज का निर्यात बढ़ाया जाए और किसानों को प्याज का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर दिया जाए ताकि नुकसान से बचा जाए.

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100 रूपए कुंतल बिक रहा प्याज

किसान देवी लाल बताते हैं कि कृषि उपज मंडी में प्याज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है. इसलिए यह आयोजन किया गया है. किसानों को अगर लागत भी नहीं मिलेगी तो फिर क्या फायदा. पिछले साल तीन से चार हजार प्रति क्विंटल ब्याज का दाम था .लेकिन इस बार 100 प्रति कुंतल यानी 1 किलो प्याज बिक रहा है. सरकार को ध्यान देना चाहिए. किसानों की स्थिति बहुत खराब है, कई आत्महत्या की कगार पर बैठे है.

अगली बार सही दाम मिले, इसलिए निकाली शव यात्रा

किसान बद्री लाल धाकड़ ने बताया कि किसान अपनी फसल को अपने बच्चों की तरह पलता है. इस बार अतिरिक्त फसल बोई थी और उम्मीद थी कि दाम बेहतर मिलेंगे. लेकिन ल्लाग्त भी नहीं निकल पा रही. जैसे किसी की अकाल मौत हो जताई है तो उसकी आत्मा भटकती है. ऐसे ही हमने ये आयोजन किया है कि फसल का अगली बार बाजिब दाम मिले. सरकार को तत्काल कोई कदम उठाना चाहिए, ताकि प्याज किसानों को राहत मिले और आयात पर रोक लगनी चाहिए.

मौके पर पहुंचे तहसीलदार रोहित सिंह राजपूत ने बताया कि किसानों ने ज्ञापन दिया है, जिसमें उन्होंने यह कहा है कि उनको फसल के प्याज के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं और यहां अंत्येष्टि का कार्यक्रम भी रखा है. किसानो की बात को सरकार तक पहुंचाया जाएगा.