Magh Maah 2023: माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी मंगलवार, 10 जनवरी को पड़ रही है. इसे चतुर्थी संकटा, चौथ या संकट चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान की पूजा-साधना और उपासना करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं. इसके अलावा, मनवांछित फल की प्राप्ति भी होती है. इतना ही नहीं, विवाह में आ रही बाधाएं भी दूर हो जाती हैं.


ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डिब्बावाला के मुताबिक, मंगलवार 10 जनवरी को अश्लेषा नक्षत्र प्रीति योग विशिष्टकरण एवं कर्क उपरांत सिंह राशि के चंद्रमा की साक्षी चतुर्थी आ रही है. इसे अंगारिका चतुर्थी भी कहा जाता है. इस दिन विशेष पूजा करने से संकट और बाधा दूर होते हैं. अगर विवाह के दौरान कोई बाधा आ रही हो तो अंगारकी चतुर्थी पर भगवान गणपति, माता चौथ का पूजन कर संकट और बाधा निवृत्त हो जाते हैं. इस दृष्टि से जातक को उपवास करना बेहद आवश्यक है. 


इस चतुर्थी पर पुण्य प्रबल होता है
पंडित अमर डिब्बावाला ने बताया कि 12 महीने में 24 चतुर्थी आती हैं. इनमें से 12 कृष्ण पक्ष में और 12 शुक्ल पक्ष में पड़ती हैं. सभी के मायने अलग-अलग होते हैं. वहीं, कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकटा चौथ कहा जाता है. यही संकष्टी चतुर्थी भी कहलाती है. इस चतुर्थी को करने से पुण्य प्रबल हो जाता है. 


27 साल बाद बना संयोग
पंडित परमानंद शर्मा के मुताबिक, भारतीय ज्योतिष शास्त्र के योग संयोग का क्रम चलता रहता है. कभी किसी ग्रह की युति के माध्यम से तो कभी नक्षत्र के माध्यम से. वहीं, कभी दृष्टि संबंधों के माध्यम से सहयोग बनता है. इस बार मंगलवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में अंगारकी चतुर्थी आ रही है. यह विशेष संयोग है, जो कि 27 साल बाद बना है. 


पंडित परमानंद शर्मा के मुताबिक, इस दिन व्रत और अनुष्ठान का विशेष फल प्राप्त होता है. इस दिन भगवान गणपति की पूजा और आराधना से सारे विघ्न समाप्त हो जाते हैं.