Precaution in Cold Wave: मौसम बदलते ही इसका सबसे अधिक असर बच्चों पर देखने को मिलता है. इस समय पूरे मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कई जिले शीतलहर (Coldwave) और घने की कोहरे (Fog) की चपेट में है. ठंड को लेकर प्रदेश कई जिलों में प्रशासन ने पहली क्लास से 8वीं क्लास तक के बच्चों की छुट्टी कर दी गई है. बढ़ते ठंड और कोहरे के कारण छोटे बच्चों में वायरल डायरिया (Viral Diarrhea) तेजी से बढ़ रहा है. चिकित्सकों ने बच्चों को ठंड से बचाने और उनकी केयर करने की विशेष सलाह दी है. 


वायरल डायरिया होने पर करें ये उपाय
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि राठौर के मुताबिक मौसम में आए बदलाव की वजह से वायरल डायरिया बच्चों में तेजी से फैल रहा है. गर्मी के दिनों में डायरिया होने पर बच्चों को लगातार पानी और ओआरएस का घोल दिया जाता है, लेकिन ठंड के दिनों में बच्चे अधिक पानी नहीं पीते हैं. जिसकी वजह से यह बीमारी धीरे-धीरे गंभीर भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि बच्चों को गुनगुने पानी में ओआरएस का घोल देकर वायरल डायरिया से बचाव किया जा सकता है.


कोहरे में बच्चे मास्क पहन कर निकलें बाहर
डॉ. रवि राठौर ने बताया कि अगर वायरल डायरिया बढ़ता है तो यूरिन में इंफेक्शन हो सकता है. वायरल डायरिया से बच्चों के बचाव के बारे में बताते हुए डॉक्टर राठौर ने बताया कि वर्तमान समय में कोहरा छा रहा है, ऐसे में छोटे बच्चों को बाहर नहीं निकलना चाहिए. जो बच्चे बहुत जरुरी कामों के लिए या स्कूल के लिए निकल रहे हैं, उन्हें मास्क पहनना चाहिए जिससे सांस की नली में कोहरा प्रवेश न कर सके. 


कोहरे से हो सकती है ये परेशानी
डॉ. राठौर ने कहा कि कोहरे की नमी से एलर्जी, अस्थमा जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. वैसे तो सुबह की हवा काफी ताजी होती है मगर कोहरे की वजह से दूषित वायु भी नीचे ही रह जाती है, जो कि सांस की नली में जाकर परेशानी का कारण बन सकती है. 


इन बातों का भी रखा जाए ध्यान



  • नवजात शिशु को दो या तीन लेयर वाले कपड़े पहनाएं, सिर और पैर पूरी तरह ढक कर रखें.

  • कमरे में हीटर सीमित समय के लिए चलाएं, बीच-बीच में हीटर को बंद कर ताजी हवा भी आने दें, ताकि ऑक्सीजन की कमी ना हो.

  • यदि बच्चा सुस्त रहे और बुखार आदि की दिक्कत हो तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं.

  • छोटे बच्चों को गर्म और ताजा भोजन कराएं.


यह भी पढ़ें: Pench Tiger Reserve: पेंच बाघ अभ्यारण्य में गूंजी किलकारियां, बाघिन T4 ने दिया शावकों को जन्म