Madhya Pradesh Government: मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. इसको देखते हुए पूरी बीजेपी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्य में सभी तबकों को साधने में लग गए हैं. इसी को देखते हुए शिवराज सरकार ने अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए 3 स्वरोजगार योजनाओं को दी मंजूरी दी है. 


प्रोत्साहन के लिए 'प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड' की स्थापना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को विभिन्न फसलों को बोने के लिए एक प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया है. मध्य प्रदेश सरकार चाहती है कि किसान गेहूं और धान की पारंपरिक खेती से हटकर पैसे कमाने वाली फसलों को बोएं जैसे दलहन और तिलहन का उत्पादन करें. राज्य की मंत्रिपरिषद ने जैविक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को प्रोत्साहन और सहयोग देने के लिए एक 'प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड' की स्थापना को भी मंजूरी दी है. किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के एडिशनल मुख्य सचिव इस परियोजना निदेशक होंगे.


अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए स्वरोजगार योजना
कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, "अनुसूचित जाति समाज के युवाओं के लिए स्वरोजगार सृजन के लिए तीन नई योजनाओं के अमल में लाने को मंजूरी दी गई है. कैबिनेट ने संत रविदास स्वरोजगार योजना, डॉ भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजनायों को मंजूरी दी है."


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ये है संत रविदास स्वरोजगार योजना
संत रविदास स्वरोजगार योजना के तहत एक लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक की विनिर्माण केन्द्रित परियोजनाओं को और सेवा प्रधान व्यवसायों के लिए एक लाख रुपये से 25 लाख रुपये तक की स्वीकृति दी जाएगी. लोन पर 5% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान दिया जायेगा. सरकार अधिकतम 7 सालों तक के लिए बैंक लोन गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर वहन करेगी.


वहीं डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना के तहत सभी तरह के स्वरोजगार के अवसरों के लिए 10,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक की परियोजनाओं को मंजूरी दी जाएगी. लोन पर 7 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से ब्याज सब्सिडी दी जाएगी. जबकि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना के तहत विभिन्न विभागों, निगमों और जिला कलेक्टरों से प्राप्त अधिकतम 2 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को मंजूरी दी जाएगी. 


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