Madhya Pradesh PM Awas Yojana: मध्यप्रदेश में पीएम आवास योजना में कई गड़बड़ियों के खुलासे हुए हैं. विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा (Jagdish Devda) ने सीएजी की रिपोर्ट पटल पर रखी. उन्होंने सात अलग-अलग प्रतिवेदन प्रस्तुत किए. इन रिपोर्ट्स में पंचायत एवं ग्रामीण विकास के तहत पीएम आवास वितरण (साल 2016 से 2021) की गड़बडिय़ां उजागर की गई हैं.
 
सीएजी की रिपोर्ट (CAG Report) में नगरीय प्रशासन, पंचायती राज विभाग सहित और भी कुछ विभागों की योजनाओं का ब्यौरा है. इनमें पंचायती राज संस्थाओं की कार्यप्रणाली, जवाबदेही तंत्र और वित्तीय प्रतिवेदित प्रकरणों की रिपोर्ट में पांच साल का ब्यौरा है. रिपोर्ट में कई गड़बडिय़ां उजागर हुई है.


पीएम आवास योजना में गड़बड़ी


सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 से 2021 के दौरान मध्य प्रदेश में पीएम आवास योजना में अपात्रों को भी योजना का लाभ दिया गया, जबकि कई मामलों में तो एक-एक परिवार को तीन-तीन बार पीएम आवास योजना का लाभ दिया गया है. रिपोर्ट में बात सामने आई है कि आर्थिक तौर से मजबूत कई लोगों ने इस योजना का गलत फायदा उठाया है.
 
कार मालिकों ने भी लिए योजना का लाभ


सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक करीब दो हजार लोग ऐसे भी हैं, जो कार-बाइक और स्कूल तक के मालिक हैं, बावजूद इसके उन्होंने पीएम आवास योजना का लाभ लिया. पीएम आवास की किस्त 15 दिन में देने का नियम है, लेकिन 13 लाख लाभार्थी ऐसे हैं जिन्हें दूसरी किस्त मिलने में एक दिन से लेकर 1500 दिन का इंतजार करना पड़ा. जबकि 25 लाख स्वीकृत मकानों में से 8 लाख लाभार्थियों को 15 दिन के भीतर ही किस्त मिल गई. 


पीएम आवास के लाखों मकान अधूरे


मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रस्तुत सीएजी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में कुल स्वीकृत आवासों में से 18 फीसदी यानि 4.64 लाख मकान अधूरे हैं. 15 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि अपात्रों को दी गई है. जबकि रिपोर्ट में बताया गया है कि एक ही परिवार को दो से 3 मकान तक दे दिए गए हैं.


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