Makar Sankranti 2023 Date: बीते कुछ सालों से मकर सक्रांति के पर्व पर लगातार संसय बना रहता है. ऐसे में इस साल भी मकर सक्रांति को लेकर संसय बरकरार है. हालांकि, हिंदू पंचांग के अनुसार ग्रहों के राजा सूर्य 14 जनवरी 2023 की रात 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद उदया तिथि 15 जनवरी को होगी. ऐसे में मकर सक्रांति इस साल में 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी.


ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मकर सक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करें. इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर तांबे के लोटे में पानी भर लें और उसमें काला तिल, गुड़ का छोटा सा टुकड़ा और गंगाजल लेकर सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करते हुए अघ्र्य दें. इस दिन सूर्यदेव को अघ्र्य देने के साथ ही शनिदेव को भी जल अर्पित करें. इसके बाद निर्धनों को तिल और खिचड़ी का दान करें.


ऐसे करें ग्रह दोष दूर
ज्योतिषाचार्य आनंद शर्मा के अनुसार मकर सक्रांति के दिन पानी में काली तिल और गंगाजल मिला कर स्नान करें. इससे सूर्य की कृपा होती है और कुंडली के ग्रह दोष दूर होते हैं. ऐसा करने से सूर्य और शनि दोनों की कृपा मिलती है, क्योंकि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनि के घर मकर में प्रवेश करते हैं. ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार मकर सक्रांति के दिन सूर्य देव को अघ्र्य देना बेहद शुभ होता है. इस दिन तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें काला तिल, गुड़, लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत आदि डालें. 


नर्मदा घाटों पर उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़
बता दें कि राजधानी से लगे नर्मदापुरम व सीहोर जिले के नर्मदा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी. मान्यताओं के अनुसार मकर सक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है. यही कारण है कि प्रतिवर्ष मकर सक्रांति के मौके पर सीहोर व होशंगाबाद में स्थित नर्मदा नदी में पवित्र स्नान के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की बढ़ती तादाद को देखते हुए प्रशासन ने अभी से तैयारियां शुरु कर दी है.



ये भी पढ़ें:- Joshimath Sinking: जोशीमठ पर उमा भारती बोलीं- 'विकास और विनाश एक साथ नहीं...', CM धामी पर जताया भरोसा