MP News: डॉ. मोहन यादव (Mohan Yadav) ने मध्य प्रदेश के सीएम के रूप में बुधवार (13 दिसंबर) को शपथ ले ली है. शपथ के बाद उन्होंने कार्यभार संभाला और अपने मंत्री परिषद की बैठक बुलाई जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए. बीजेपी (BJP) ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर सत्ता दोहराई लेकिन 18 वर्ष तक सीएम रहे शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की जगह मोहन यादव को कमान सौंपी. मोहन यादव के पास  बीजेपी हाईकमान और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का दबाव रहेगा. ऐसे में अगले पांच साल तक उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.


मोहन यादव जो पहले शिवराज सरकार में शिक्षा मंत्री तो रहे हैं लेकिन उनके पास सरकार चलाने का अनुभव नहीं है. अनुभव की कमी और वहीं शिवराज सिंह चौहान की मध्य प्रदेश में बीते 20 वर्षों में कमाई लोकप्रियता उनके लिए एक चैलेंज का काम कर सकता है. बीजेपी से होने के कारण जनता की वैसी ही अपेक्षा रहेंगे जो शिवराज से रही हैं. वहीं, मंत्रिमंडल में बीजेपी के बड़े क्षेत्रीय नेता भी होंगे जिनके साथ तालमेल बिठाकर सरकार चलाना भी एक चैलेंज होगा.


मोहन यादव को पूरे करने हैं ये वादे
अब बात मध्य प्रदेश चुनाव में बीजेपी द्वारा जारी किए गए 'संकल्प पत्र' के वादे की करते हैं. बीजेपी ने सरकार में वापसी के लिए किसानों से लेकर घरेलू महिलाओं और बेटियों के लिए बड़ी घोषणाएं की थीं. अब इन घोषणाओं को सीएम मोहन यादव को पूरा करना है. बीजेपी ने किसानों को 12,000 रुपये सालाना देने, 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली देने, 45-0 रुपये में गैस सिलेंडर, महिलाओं को 3000 रुपये महीना देने, तेंदुपत्ता के लए 4000 रुपये प्रति बोरा, जन्म से शादी तक बेटियों को 2 लाख रुपये देने का वादा किया था.


पूरी करनी होगी 'लाडली बहनों' की अपेक्षा
मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में महिलाओं ने बीजेपी को वोट दिया. इसमें वे महिलाएं भी शामिल रही हैं जिन्हें लाडली बहना योजना का लाभ मिला है. मोहन यादव को न केवल बीजेपी के इन घोषणाओं को पूरा करना होगा, बल्कि ये ध्यान भी रखना होगा कि राज्य कि ये महिला वोटर बीजेपी से न छिटके, जिस वजह से महिलाओं के लिए शिवराज सरकार में लागू योजानाओं को भी जारी रखना होगा, तब जब मध्य प्रदेश कर्ज से दबा हुआ है.


कैबिनेट की पहली बैठक में ये फैसला
पद भार ग्रहण करने के बाद डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट की पहली बैठक की. बैठक में धार्मिक स्थल और अन्य स्थानों पर निर्धारित मापदंड से अधिक आवाज में लाउडस्पीकर बजाने पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं. साथ ही कहा गया है कि धर्म गुरुओं से संवाद और समन्वय के आधार पर लाउडस्पीकर हटाने का प्रयास किया जाएगा. फूड सेफ्टी नियम लागू होने के बाद खुले में मांस-मछली की बिक्री करने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश का कड़ाई से पालन करने की भी बात बैठक में कही गई है.


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