MP High Court News Today: देश में एक तरफ लोकसभा चुनाव चल रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में मतदान अनिवार्य करने को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई. गुरुवार (9 मई) को इस याचिका पर सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि प्रत्येक नागरिक, जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है, वह मतदान का अधिकारी है. 


राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय और स्थानीय चुनावों में मतदान अनिवार्य किया जाना चाहिए. हालांकि, दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट ने मतदान अनिवार्य किए जाने की मांग संबंधी जनहित याचिका निरस्त कर दी. चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने इस मामले में अपने आदेश में साफ किया कि मतदान करना है या नहीं? यह नागरिकों की स्वतंत्रता का विषय है.


हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका 
इस संबंध कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने अभ्यावेदन का जवाब आने की प्रतीक्षा किए बिना जल्दबाजी में हाई कोर्ट आने की गलती की है. इसलिए अपरिपक्व पाते हुए जनहित याचिका निरस्त की जाती है. हाईकोर्ट की बेंच ने अपने आदेश में यह भी कहा कि याचिकाकर्ता अभ्यावेदन के जरिए अपनी मांग उठा सकता है.


बता दें, जबलपुर निवासी जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि के डॉ मुमताज अहमद खान की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा, अंजना श्रीवास्तव और अभिमन्यु सिंह ने पक्ष रखा. इस दैरान उन्होंने दलील दी कि प्रत्येक नागरिक, जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है, वह मतदान का अधिकारी है. इसलिए राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय और स्थानीय चुनावों में मतदान अनिवार्य किया जाना चाहिए.


रिटायर्ड अधिकारी को प्रभार देने पर रोक
एक अन्य मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य शासन से पूछा है कि किस नियम के तहत एक सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री शिरीष मिश्रा को जल संसाधन विभाग में इंजीनियर इन चीफ का प्रभार दिया गया है? 


हाईकोर्ट ने शिरीष मिश्रा को ईईसी और चीफ इंजीनियर चार्ज देने पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी. जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी और शिरीष मिश्रा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.


ये है पूरा मामला
दरअसल, भोपाल निवासी जोश सिंह कुसरे और विनोद सिंह तेकाम की ओर से इस याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ और जुबिन प्रसाद ने पक्ष रखा.उन्होंने बताया कि शिरीष मिश्रा जल संसाधन विभाग से अधीक्षण यंत्री के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. विभाग ने उन्हें 7 फरवरी 2024 को सेवानिवृत्ति के बाद कांट्रैक्ट पर उसी पद पर नियुक्ति दे दी.


उक्त आदेश में लिखा गया कि उन्हें किसी भी अन्य विभाग में उसी पद पर स्थानांतरित किया जा सकता है. दलील दी गई कि आश्चर्यजनक तरीके से उपकृत करने के उद्देश्य से 22 फरवरी को एक अन्य आदेश जारी कर शिरीष मिश्रा को जल संसाधन विभाग में इंजीनियर-इन-चीफ और चीफ इंजीनियर (केन्द्रीयकृत निविदा इकाई) का प्रभार दे दिया गया.


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