MP Tiger State: मध्य प्रदेश ने टाइगर स्टेट (Tiger State) का तमगा बरकरार रखा है. जंगल के राजा टाइगर को यहां की आबोहवा खूब रास आ रही है, जिससे उनकी आबादी देश में सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड हुई है. इंटरनेशनल टाइगर डे पर आज शनिवार (29 जुलाई) को यह रिपोर्ट जारी की गई है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) की ओर से आज अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर राज्यवार बाघों की गणना 2022 के आंकड़े जारी किए गए.उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क में ग्लोबल टाइगर डे का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां से ये आंकड़े जारी किए गए.



'टाइगर का पुनर्स्थापन कोई आसान काम नहीं हैं'
इस खबर से सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भी गदगद है. माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश में टाइगर की आबादी बढ़ने से पर्यटकों की आमद भी बढ़ेगी. सीएम चौहान ने ट्वीट करके कहा है कि टाइगर का पुनर्स्थापन कोई आसान काम नहीं हैं, लेकिन ये काम हमने अपने हाथ में लिया और आज हम 'टाइगर स्टेट' हैं. इस उपलब्धि में जितने भी साथी शामिल हैं, मैं उन सभी को हृदय से बधाई और धन्यवाद देता हूं.


मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट होने का गौरव मिला है
यहां बताते चले कि एमपी को लगातार दूसरी बार टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है. वैसे यह तीसरी बार है,जब मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट होने का गौरव मिला है. साल 2022 की गणना में मध्यप्रदेश के छह नेशनल पार्क सहित राज्य में 785 टाइगर पाए गए. 4 साल पहले साल 2018 में गणना में भी प्रदेश में सबसे ज्यादा 526 टाइगर थे. इसमें अब 259 टाइगर का इजाफा हो गया है. बांधवगढ़ नेशनल पार्क में सबसे ज्यादा 165 तथा दूसरे नम्बर पर कान्हा नेशनल पार्क में 129 टाइगर है. जनगणना में पेंच में 123,पन्ना में 64,सतपुड़ा में 62 और संजय गांधी नेशनल पार्क दुबरी में 20 टाइगर काउंट किये गए है.


लगातार दो बार से मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट बन रहा है
मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को मैनेजमेंट इफेक्टिवनेस इवैल्यूशन में देश के टॉप 5 टाइगर रिजर्व में जगह बनाई है. गौरतलब है कि सबसे पहले 2006 में मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट बना था. इसके बाद अब लगातार दो बार से मध्यप्रदेश को यह गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल हो रही है.


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