Indore Alligator Gar: कभी-कभी दुनिया में ऐसी बातें सामने आ जाती है जिस पर भरोसा करना वाकई मुश्किल होता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी मछली के बारे में बताने जा रहे है. जिसके बारे में आपने शायद ही पहले कभी सुना होगा. बता दें कि ये मछली ड्रॉलज स्मगलिंग के खिलाफ कार्रवाई के बाद भारत में आई है. दरअसल, इंदौर के प्राणी संग्रहालय में एक एलीगेटर मछली है जोकि उत्तरी अमेरिका से भारत में आई है. ड्रॉलज स्मगलिंग के खिलाफ कार्रवाई के बाद भारत के इंदौर शहर में पहुंची ये मछली अब लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.


बता दें कि देखने में हूबहू मगरमच्छ और श्वान जैसी दिखने वाली ये विचित्र मछली एलीगेटर गार है, जिसे क्रोकोडाइल फिश भी कहा जाता है. जानकारी के मुताबिक इस तरह की विचित्र मछलियां उत्तरी अमेरिका पाई जाती हैं. इस स्पेशल मछली की फिशरीज और एक्वेरियम मार्केट में मांग बहुत ज्यादा होती है. इसके अलावा इस मछली की खासियत ये है कि इसके बड़े दांत होने के कारण ये कार्निवल श्रेणी में आती है जो अन्य छोटी मछलियों को खाती हैं.


इंदौर नगर निगम ने रखा मछली को सुरक्षित


इंदौर के प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ.उत्तम यादव के मुताबिक स्पेशल मछली को चोरी छिपे एक एक्वेटिक पोर्ट में रखकर मुंबई से इंदौर लाया गया है. वही इंदौर एयरपोर्ट पर डीआरआई की इंफोर्समेंट टीम ने जब संबंधित व्यक्ति से मछली पालन के दस्तावेज मांगे तो उसने वो दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए. लिहाजा स्मगलिंग की आशंका के चलते मछली को बरामद किया गया. वहीं कानूनी तौर पर मछली को जब्त करने के बाद परेशानी ये सामने आई कि मछली को जीवित कैसे रखा जाए. ऐसे में उसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी इंदौर नगर निगम ने उठाई और उसे एक्टिवेटेड एक्वेरियम में रख दिया गया. फिलहाल, मछली को जो भी देख रहा है वो ये अंतर नहीं कर पा रहा है कि यह मगरच्छ है या मछली?  क्योंकि मछली के मगरमच्छ जैसे जबड़े हैं. वहीं नाक के स्थान पर हूबहू श्वान जैसी नाक है. ऐसे में ये मछली अब इंदौर जू में आकर्षण का केंद्र है.


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