जबलपुर: मध्य प्रदेश में एमएसपी पर धान की खरीदी शुरू होने से पहले ही किसानों के नाम पर सरकार को करोड़ों का चूना लगाने के लिए बिचौलिए और फर्जी किसान तैयार हो गए हैं. बता दें कि जबलपुर जिले में ही 1900 सौ से ज्यादा फर्जी किसानों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए है. सत्यापन में इन्हें फर्जी किसान पाया गया और उन्होंने लगभग 3700 हेक्टेयर में धान की उपज दिखाई थी. ऐसा माना जा रहा है कि इसकी आड़ में व्यापारी अपना माल खपाने की जुगत में थे.
मझौली में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा
सत्यापन में सबसे अधिक फर्जीवाड़ा मझौली तहसील में पाया गया है. यहां 976 किसानों का रजिस्ट्रेशन फर्जी मिला है. वहीं पनागर में 238, शहपुरा में 184, पाटन में 170 और सिहोरा में 120 किसानों का रजिस्ट्रेशन फर्जी मिला है.
1940 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी
दरअसल, इस बार जबलपुर जिले में सवा पांच लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. धान उपार्जन के लिए जिले में 51 हजार 204 किसानों ने पंजीयन कराया था. लगभग एक लाख 17 हजार 917 हेक्टेयर में धान की फसल का रकबा दिखाया गया था. इस बार किसानों के लिए प्रति क्विंटल 1940 रुपए एमएसपी तय की गई है. वहीं उच्च किस्म के धान की खरीदी पर 20 रुपए अधिक मिलेंगे. बता दें कि 29 नवंबर से धान की खरीदी शुरू होगी.
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए प्रशासन हुआ सख्त
कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बताया कि जबलपुर में पहले चरण में खरीदी के लिए 60 केंद्र शुरू किए जा रहे हैं. जरूरत पड़ने पर इसकी संख्या बढ़ाई जा सकती है. किसानों को मोबाइल पर एसएमएस के जरिए उपज बेचने की सूचना भेजी जाएगी. जबलपुर कलेक्टर का कहना है कि बिचौलियों द्वारा एमएसपी पर अपनी धान खपाने के मामले पर प्रशासन लागतार सजग है. और फर्जी किसानों का सत्यापन रद्द किया जाएगा.
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