जबलपुर: जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज को सोमवार शाम चार बजे संत परंपरा के मुताबक भू-समाधि दी जाएगी.नरसिंहपुर जिले के परमहंसी आश्रम में त्रिपुर सुंदरी मंदिर के पास भू-समाधि के लिए विशाल गड्डा खोदा गया है. झोतेश्वर धाम में हजारों की संख्या में ब्रम्हलीन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज के शिष्य पहुंच रहे हैं.परमहंसी गंगा कुंड के समीप महाराज श्री की पार्थिव देह दोपहर एक बजे तक अंतिम दर्शन के लिए रखी गई है.यहां शिष्य और भक्त रविवार शाम से ही राम-नाम का जाप कर रहे हैं.


शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के देवलोक गमन के बाद कौन होगा उनका उत्तराधिकारी इस पर कयास लगाए जा रहे है.इसकी घोषणा भी आज हो सकती है.उत्तराधिकारी की घोषणा के बाद संत समाज द्वारका और ज्योतिष पीठ के नए शंकराचार्य के नाम का ऐलान करेगा.आश्रम सूत्रों का कहना है कि ब्रम्हलीन स्वामी जी अपने उत्तराधिकारी के नामों का चयन कर लिया है और उनकी वसीयत संत समाज के सामने पढ़ी जाएगी.


कौन सम्भालेगा द्वारका-ज्योतिषपीठ की कमान


माना जा रहा है कि दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज को द्वारका शारदा पीठ की गद्दी मिल सकती है.जबकि दंडी स्वामीबअविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ज्योतिषपीठ का शंकराचार्य बनाया का सकता है.दोनो ही ब्रम्हलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रमुख शिष्य माने जाते हैं.


नेता--राजनेता भी आ रहे हैं अंतिम दर्शन करने 


स्वामी स्वरूपानंद महाराज के शिष्य अंतिम दर्शन के लिए लगातार आश्रम पहुंच रहे हैं. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के अंतिम दर्शन के लिए सियासी दिग्गज भी आएंगे.इनमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल जैसे नेता शामिल हैं. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी केरल से विशेष विमान से 2 बजे जबलपुर आएंगे. वे यहां से झोतेश्वर के लिए रवाना होंगे.पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचोरी और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के भी पहुंचने की सूचना है.राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा भी दिल्ली से जबलपुर होते हुए परमहंसी गंगा आश्रम जाएंगे.मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आने की भी सूचना आश्रम की ओर से दी जा रही है.


हर मठ के प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं


दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने बताया कि देश के सभी मठों से संत समाज के प्रतिनिधि परमहंसी आश्रम आ रहे हैं.उन्होंने कहा कि स्वामी स्वरूपानंद जैसी विभूति दूसरी नहीं हो सकती.शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी ने अपना हर कर्तव्य निभाया और उन्होंने जीवनकाल में ही अपने उत्तराधिकारी बना दिए.


दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने बताया कि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की भू-समाधि के पहले उनका दूध से महाभिषेक किया जाएगा.दोपहर 1 बजे तक अंतिम दर्शन हो सकेंगे और उसके बाद शंकराचार्य जी की पार्थिव देह को पालकी में बैठाकर शोभायात्रा निकाली जाएगी.त्रिपुर सुंदरी राज राजेश्वरी मंदिर की परिक्रमा के बाद समाधि स्थल पहुंचेगी उनकी पार्थिव देह.यहां शाम 4 बजे संत परंपरा के मुताबिक उन्हें भू-समाधि दी जाएगी.


भावुक हुए सदानन्द सरस्वती


मीडिया से बातचीत में स्वामी सदानन्द जी के आंसू छलक आए.उन्होंने कहा कि स्वामी स्वरूपानंद की कमी की पूर्ति कोई नहीं कर सकता है.प्रभु हमें यह दुख सहन करने की शक्ति दे.स्वामी सदानंद जी ने कहा कि देश को आध्यात्मिक उत्थान के मार्ग पर ले जाने का प्रयास जारी रहेगा.


घरों में नहीं जला चूल्हा


शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन से पूरे झोतेश्वर में महा शोक है.यहां आज किसी भी घर में आज चूल्हे नहीं जले हैं.ग्रामीण जनता पूरी तरह से गमगीन है.हर किसी की आंख में आंसू हैं.माना जाता है कि सभी के लिए पितातुल्य थे जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी.उन्ही की छाया और पनाह की मदद से यहां के सैकड़ों ग्रामीण जीवन यापन कर रहे थे.


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