मध्य प्रदेश सरकार ने साफ कर दिया है कि लाडली बहना योजना की 31वीं किस्त आज 9 दिसंबर को पात्र महिलाओं के खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिये खुद यह घोषणा की और बताया कि इस बार 1.26 करोड़ से अधिक बहनों को बढ़ी हुई राशि मिलेगी. सरकार का कहना है कि यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका निभा रही है और आज का दिन लाखों बहनों के लिए बेहद खास है.
लाडली बहना योजना: बढ़ी हुई किस्त और सीधा लाभ
लाडली बहना योजना की शुरुआत महिलाओं को आर्थिक मजबूती देने के उद्देश्य से की गई थी. पहले जहां हर माह 1250 रुपये दिए जाते थे, वहीं इस बार राशि बढ़ाकर 1500 रुपये कर दी गई है. सरकार का दावा है कि प्रदेश की महिलाएं इस योजना से न सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि परिवार के निर्णयों में भी उनकी भागीदारी बढ़ी है. इस महीने बढ़ी हुई किस्त का इंतजार महिलाओं में और भी ज्यादा था.
महिलाओं के पात्रता आंकड़े
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 2020-21 के अनुसार प्रदेश में महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं. रिपोर्ट बताती है कि 23 प्रतिशत महिलाएं मानक BMI से कम हैं, जबकि 15 से 49 वर्ष की महिलाओं में एनीमिया का स्तर 54.7 प्रतिशत है. सरकार के पोर्टल पर अब तक कुल 1,31,35,985 आवेदन मिले, जिनमें से 2,18,858 पर आपत्तियां आईं और 1,29,05,457 आवेदिकाएं पात्र पाई गईं. सरकार का कहना है कि महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य और आर्थिक स्वावलंबन के लिए ये योजनाएं बेहद महत्वपूर्ण हैं.
आधार e-KYC क्यों जरूरी है?
समग्र आईडी के साथ आधार की जानकारी को मिलान करने की प्रक्रिया यानी e-KYC को योजना में अनिवार्य किया गया है. इससे समग्र आईडी डुप्लिकेसी खत्म होगी, पात्रता की पुष्टि आसान होगी और योजना संचालन में पारदर्शिता बढ़ेगी. महिलाएं अपने नजदीकी राशन दुकान, एमपी ऑनलाइन सेंटर या सीएससी कियोस्क पर जाकर e-KYC करवा सकती हैं. इसके लिए किसी भी बहन को कोई राशि नहीं देनी होगी क्योंकि सरकार प्रत्येक e-KYC के बदले कियोस्क को 15 रुपये दे रही है.
बैंक खाते और डीबीटी लिंकिंग का महत्व
योजना के तहत भुगतान केवल आधार लिंक्ड और डीबीटी सक्रिय बैंक खातों में ही भेजा जाता है. इससे भुगतान असफल होने की संभावना बेहद कम हो जाती है और पैसा सीधे महिला के हाथ में पहुंचता है. सरकार का मानना है कि सीधी आर्थिक सहायता मिलने से महिलाएं परिवार के फैसलों में ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. इसके साथ ही कई बहनें इस राशि से छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू कर रही हैं, जिससे वे आर्थिक रूप से और भी स्वावलंबी बन पा रही हैं.