Khajuraho Tourism: यूनेस्कों (UNESCO) के विश्व धरोहर में शामिल छतरपुर (Chhatarpur)स्थित खजुराहो (Khajuraho) में अब साल दर साल विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी देखी जा रही है. साल 2012 में खजुराहों में 97 हजार सैलानी आए थे. साल 2022-23 में यह संख्या घटकर महज 15000 पर सिमट गई है. साल 2021 में तो महज 200 पर्यटक ही आए थे. 


खजुराहो में साल दर साल घट रही पर्यटकों की संख्या के पीछे वजह कोरोना काल को माना जा रहा है. 10वीं-12वीं सदी के छतरपुर स्थित खजुराहो के मंदिरों को देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी आया करते थे, लेकिन बीते दस सालों की बात करें तो यहां आने वाले विदेशी सैलानियों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है.


दस साल के आंकड़ों पर नजर
विदेशी सैलानियों की संख्या में कमी वजह खजुराहो में बुनियादी सुविधाओं का अभाव और कोरोना काल को माना जा रहा है. पर्यटन विभाग द्वारा खजुराहों की बुनियादी सुविधाओं के लिए कागजों पर तो दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि यहां सुविधाओं का अभाव है. नतीजतन विदेशी सैलानी खजुराहो से दूरी बनाते जा रहे हैं. पर्यटन विभाग के बीते दस साल के आंकड़ों पर गौर करें, तो कोरोना काल के बाद से ही यहां विदेशी मेहमानों की संख्या में ज्यादा गिरावट दर्ज की जा रही है. साल 2012 में जहां 97 हजार 724 विदेशी मेहमान आए थे तो वहीं साल 2012 में 89, 511, 2014 में 74, 706, 2015 में 650,34, 2016 मे 660,35, 2017 में 66,  979, 2018 में 60, 759, 2019 में 51,153, 2020 में 20,000 और साल 2022-23 में विदेशी मेहमानों का आंकड़ा 15 हजार तक ही पहुंच सका. 


जी-20 सम्मेलन से भी नहीं हुआ फायदा
बता दें इसी साल खजुराहो में जी-20 सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस सम्मेलन के लिए मध्य प्रदेश की सरकार ने तमाम प्रयास किए थे, लेकिन इन प्रयासों के बाद भी खजुराहो तक विदेशी मेहमान आकर्षित नहीं हो सके. उम्मीद थी कि जी-20 सम्मेलन के होने से विदेशी पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा, लेकिन सरकार की यह उम्मीद साकार नहीं हो सकी. 


खजुराहो में हिन्दू और जैन मंदिर
10वीं-12वीं सदी में निर्मित खजुराहो में हिन्दू और जैन मंदिर है. बताया जाता है कि इन मंदिरों को आकार लेने में पूरे 100 साल लगे थे. खजुराहो में मंदिरों का एक संग्रह है. खजुराहो को तीन दिशा में विभाजित किया गया है. पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी. पश्चिम समूह में अधिकांश मंदिर हैं. पूर्व में नक्काशीदार जैन मंदिर है. जबकि दक्षिणी समूह में केवल कुछ मंदिर है.  आकर्षक नक्काशी से बने इन मंदिरों को देखने के लिए विदेशी सैलानी यहां आते हैं.


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