Jitu Patwari on Jagdish Devda: मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शुक्रवार (16 मई) को इंदौर से मुख्यमंत्री मोहन यादव को कटघरे में खड़ा करते हुए पांच गंभीर सवाल पूछे हैं. उन्होंने इंदौर को मां अहिल्या बाई होल्कर की नगरी और न्याय व सुशासन का प्रतीक बताते हुए कहा कि प्रदेश की जनता को इन सवालों के जवाब चाहिए. 

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एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भारतीय सेना के सम्मान, पुलिस की कार्यप्रणाली, मंत्रियों के बयानों और प्रेस की स्वतंत्रता से जुड़े मुद्दों पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए.

1. मंत्री विजय शाह और डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा पर कार्रवाई क्यों नहीं?

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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ''कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को 'आतंकवादियों की बहन' बताया, जबकि उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने सेना को 'प्रधानमंत्री के चरणों में नतमस्तक' करार दिया. इन बयानों को हाईकोर्ट ने 'गटरछाप' और सुप्रीम कोर्ट ने 'शर्मनाक' कहा है. इसके बावजूद दोनों मंत्रियों पर कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या भाजपा सरकार ऐसे देशविरोधी बयानों को संरक्षण दे रही है?

2. कोर्ट की तल्ख टिप्पणियों के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं?

पटवारी ने कहा, ''अदालतों ने विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया को 'छल' बताया और पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए. इसके बावजूद सरकार ने अब तक ठोस कदम नहीं उठाया. मुख्यमंत्री खुद अदालत का हवाला देते हैं, लेकिन जवाबदेही और कार्रवाई में कमी क्यों है?

3. मंत्रियों पर नियंत्रण क्यों नहीं?

एमपी कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया कि सरकार में शामिल मंत्री बार-बार विवादित बयान दे रहे हैं, जिससे सेना और सरकार की छवि को नुकसान पहुंच रहा है. क्या मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं? क्या यह नेतृत्व की कमजोरी को दर्शाता है?

4. पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार कब होगा?

पटवारी ने कहा, ''हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ही प्रदेश की पुलिस व्यवस्था पर सवाल उठा चुके हैं. विशेष रूप से संवेदनशील मामलों में पुलिस की निष्पक्षता और प्रभावशीलता पर उंगलियां उठी हैं. मुख्यमंत्री गृह विभाग खुद संभाल रहे हैं, फिर भी सुधार नजर क्यों नहीं आ रहा? क्या मध्यप्रदेश को पूर्णकालिक और सक्षम गृहमंत्री की जरूरत नहीं है?

5. पत्रकारों के साथ बदसलूकी पर सरकार चुप क्यों?

भिंड में पत्रकारों पर हमले, भोपाल में मीडिया पर कार्रवाई और मुख्यमंत्री द्वारा मंच से माइक हटवाने की घटनाएं प्रेस की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े करती हैं. पटवारी ने पूछा कि क्या प्रदेश में पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं? क्या भाजपा सरकार प्रेस की आवाज को दबाना चाहती है?

विजय शाह और देवड़ा को बर्खास्त करने की मांग

कांग्रेस ने मांग की है कि विजय शाह और जगदीश देवड़ा को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए. सेना के सम्मान की रक्षा की जाए, पुलिस विभाग में व्यापक सुधार लागू किए जाएं और पत्रकारों से दुर्व्यवहार की घटनाएं रोकी जाएं. पटवारी ने कहा, ''इंदौर से उठी यह आवाज केवल कांग्रेस की नहीं बल्कि प्रदेश की जनता की आवाज है. मुख्यमंत्री को इन सवालों के जवाब देना होंगे. जनता न्याय और सुशासन की पुनर्स्थापना की प्रतीक्षा कर रही है.''