Mining Mafia in MP: मध्यप्रदेश में खनन माफिया के कारनामों का काला और रक्तरंजित इतिहास रहा है. दस साल पहले एक आईपीएस की हत्या माफिया द्वारा की जा चुकी है. इसके अलावा साल दर साल रेत और पत्थर माफिया के कारनामे चाहे जब सुर्खियां बनते है. सबसे ताज्जुब की बात यह है कि कड़ी करवाई न होने के कारण माफिया में शासन-प्रशासन का कोई भय भी नहीं होता. मध्य प्रदेश के चम्बल इलाके के भिंड मुरैना के साथ नर्मदा नदी से लगे जिलों में रेत और पत्थर माफिया का आतंक है.


कब-कब माफियाओं की गुंडागर्दी ने सिस्टम को हिला दिया


साल 2012 में मुरैना जिले के बामौर कस्बे में अवैध खनन में शामिल खनिज माफिया ने नौजवान आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह को ट्रैक्टर ट्रॉली से कुचलकर मार डाला था. साल 2009 बैच के आईपीएस नरेंद्र मुरैना जिले के बामौर में प्रशिक्षु पुलिस अनुमंडल अधिकारी (एसडीपीओ) के तौर पर तैनात थे.होली के दिन हुई इस घटना ने पूरे प्रदेश को हिला दिया था.


वन कर्मियों को लाठी-डंडों से पीटा
मई 2022 में मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में खनन माफियाओं की गुंडागर्दी सामने आई. अवैध खनन कर रेत ले जा रहे माफियाओं को वन कर्मियों ने पकड़ा तो माफियाओं ने वन कर्मियों पर लाठी डंडों से हमला कर दिया. उन पर पत्थर फेंके और रेंजर से राइफल छुड़ाने की कोशिश की. माफिया के हमले में वन विभाग के एक अधिकारी के हाथ में फ्रैक्चर हो गया. वहीं पांच कर्मचारियों को हल्की चोटें आई. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी और कुछ माफियाओं को गिरफ्तार कर लिया था.


महिला खनन अधिकारी पर हमला
साल  2015 के जून महीने में मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के गांव शुजालपुर इलाके में मौजूद खनन इलाके में महिला माइनिंग इंस्पेक्टर रीना पाठक टीम के साथ छापा मारने गई थीं. दरअसल, महिला खनन अधिकारी रीना पाठक को एक शिकायत की पुष्टि के लिए खनन इलाके में भेजा गया था. खनन माफिया को इसकी जैसे ही भनक लगी,उसने टीम को घेर लिया.


खनन माफिया के गुंडों द्वारा किए गए उस हमले में होमगार्ड के तीन जवान बुरी तरह जख्मी हो गए थे. वह घटना नेवज नदी के किनारे चल रहे अवैध खनन स्थल पर घटी थी. मौके पर टीम ने देखा कि वहां पांच ट्रैक्टर-ट्रॉ़लियों से अवैध खनन किया जा रहा था. टीम पर उस दिन किए गए पथराव की घटना में रेत खनन माफिया के 21 गुंडों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था.


बालाघाट जिले में पत्रकार की हत्या
जून 2015 में ही दूसरी घटना बालाघाट जिले में घटी. उस घटना में बौखलाए रेत खनन माफियाओं के गुंडों ने एक पत्रकार का अपहरण करके उसे जिंदा जला दिया था. 40 साल के पत्रकार की लाश महाराष्ट्र के वर्धा इलाके में स्थित एक खेत में जली हुई लावारिस हालत में पुलिस ने बरामद की थी. उस घटना में पुलिस ने कटंगी निवासी राकेश नसवानी, विशाल दांडी, बृजेश डहरवाल को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार तीनों ही मुलजिम अवैध रेत खनन और चिटफंड कारोबार से जुड़े हुए पाए गए. वे सब पत्रकार पर कोर्ट में चल रहे एक मुकदमे को वापिस लेने के लिए दवाब बना रहे थे.


रेंजर को कुचल दिया गया
इसी तरह सितंबर 2018 में मुरैना जिले के देवरी गांव में खनन माफिया के गुंडों ने वन विभाग के डिप्टी रेंजर  को ट्रैक्टर से कुचल कर मार डाला. डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाहा उत्तर में मुरैना में घिरोना मंदिर के पास वन विभाग की चौकी पर ड्यूटी पर थे. जब यह घटना हुई थी.ट्रैक्टर ट्रॉली चालक अधिकारी को कुचलकर वाहन लेकर फरार हो गया था. अधिकारी ने अवैध रूप से खनन की गई रेत से लदे ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश की लेकिन ट्रैक्टर चालक ने अपनी गति बढ़ा दी. कुशवाहा वाहन के पिछले टायरों के नीचे आ गए थे. यह तो बड़े मामले है जो सुर्खियां बने लेकिन छोटी-मोटी घटनाएं तो अक्सर होती रहती हैं.


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