इंदौर में हुई एक बड़ी चोरी की वारदात का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है. रिटायर्ड मजिस्ट्रेट रमेशचंद्र गर्ग के बेटे रित्विक गर्ग के घर 10 अगस्त को हुई लाखों रुपए की चोरी के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इस सनसनीखेज केस को सुलझाने के लिए देवास, गुना, खंडवा और खरगोन तक सर्च ऑपरेशन चलाया.

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200 CCTV कैमरे खंगालकर मिला सुराग

चोरी की इस घटना को सुलझाने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. जांच के दौरान टीम को इंदौर बायपास पर घूमती एक संदिग्ध कार की जानकारी मिली. इसके आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंचने में सफल हुई. आरोपियों को उसी वक्त पकड़ा गया जब वे बायपास इलाके में दूसरी वारदात की योजना बना रहे थे.

मौत के साये में थे घरवाले

वारदात की रात का मंजर बेहद खौफनाक था. बदमाश करीब 20 मिनट तक घर में बेखौफ घूमते रहे. अलार्म बजने के बावजूद उन्होंने चोरी करना बंद नहीं किया. पुलिस के अनुसार, रित्विक गर्ग अगर उस वक्त उठ जाते तो उनकी जान पर बन आती, क्योंकि बदमाश उनके पैरों के पास लोहे की रॉड ताने खड़े थे.

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गिरफ्तार आरोपियों की पहचान समीर और सर्कल, निवासी बाग टांडा के रूप में हुई है. इनके साथ एक और साथी भी शामिल था, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है. पूछताछ में सामने आया कि चोरी से दो दिन पहले ही आरोपियों ने घर की रेकी की थी. वारदात की रात उन्होंने लोहे का गेट काटकर घर में प्रवेश किया.

पुलिस को यह जानकर भी हैरानी हुई कि आरोपियों ने घर से मिले कुछ महंगे व्हाइट गोल्ड के आभूषण नकली समझकर वहीं छोड़ दिए, जबकि बाकी कीमती सामान लेकर भाग निकले.

गिरोह पर पुलिस की नजर

पुलिस को शक है कि यह गिरोह लंबे समय से बायपास क्षेत्र में सक्रिय है और इससे पहले भी कई वारदातें कर चुका है. पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में अपने 4 अन्य साथियों के नाम बताए हैं. अब पुलिस उनकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है.

ग्रामीण एसपी यांगचेन डोलकर भूटिया ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और इससे और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस की इस कार्रवाई से इलाके में चोरी और डकैती की वारदातों पर अंकुश लगेगा.

फिलहाल दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया है और बाकी फरार साथियों की तलाश जारी है.